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Description
दीवारों से पार आकाश
दीवारों से पार आकाश साहित्य अकादेमी द्वारा 1985 में पुरस्कृत गुजराती उपन्यास सात पगलां आकाशमां का हिंदी अनुवाद है। यह एक ऐसी विरल कृति है, जिसे छह-छह पुरस्कार प्राप्त हुए, लेकिन इसकी सिद्धि इन पुरस्कारों में नहीं है। इसकी सफलता इस बात में है कि इसने गुजराती नारी समाज की चेतना को इस तरह झकझोर दिया कि यह पुस्तक सामाजिक क्रांति की अग्रदूत बन गई। गुजरात में शायद ही कोई ऐसा शिक्षित परिवार होगा, जहाँ यह पुस्तक पढ़ी नहीं गई हो। पुरुष प्रधान समाज में स्त्रियों पर सदियों से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष अन्याय होते रहे हैं, उसके सैकड़ों रूप इस उपन्यास में उजागर हुए हैं। इसकी लोकप्रियता का कारण है कि इसमें हजारों स्त्रियों ने अपनी ही कथा, अपनी ही व्यथा का चित्रण पाया है और इसीलिए यह कहानी लेखिका की न रहकर पूरे नारी समाज की बन गई है। इस पुस्तक के हिंदी और मराठी अनुवाद को भी साहित्य अकादेमी का अनुवाद पुरस्कार प्राप्त हुआ।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
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