Dharti Ka Rona

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455.00 400.00

Author: Santanu Kumar Acharya

Availability: 5 in stock

Pages: 350

Year: 2025

Binding: Paperback

ISBN: 9789367198322

Language: Hindi

Publisher: National Book Trust

Description

धरती का रोना

ओड़िआ कथाकार शांतनु आचार्य ने इस आत्मचरितात्मक उपन्यास ‘धरती का रोना’ में काल्पनिक और यथार्थ चरित्रों के माध्यम से ओड़िशा के बहाने पूरे देश के समक्ष उपस्थित विशद प्रश्न को परखा है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि 15 अगस्त, 1947 को स्वाधीनता के साथ ही समूचा भारतीय समाज एक उत्कट भोगवादी और व्यक्तिवादी मानसिकता से इस कदर आप्लावित हो गया कि स्वाधीनता-पूर्व का भारतीय बोध, कर्तव्य और करुणा के प्रति उसकी श्रद्धा न केवल विलोपित हुई, बल्कि मातृ-भूमि के प्रति प्रेम और मानव-मनस्कता भी अचानक बदल गयी। अनुवादिका सुजाता शिवेन जन्म 1962 संबलपुर, ओड़िशा। शिक्षाः स्नातकोत्तर हिंदी। हिंदी और ओड़िआ में मौलिक लेखन के साथ अनुवाद। नेशनल बुक ट्रस्ट, साहित्य अकादमी और भारतीय ज्ञानपीठ सहित हिंदी के लगभग सभी प्रतिष्ठित प्रकाशनों के लिए कार्य। बत्तीस से अधिक पुस्तकों का अनुवाद प्रकाशन । ओड़िआ के लगभग सभी प्रतिष्ठित, सर्वकालिक और समकालीन रचनाकारों की कृतियों का हिंदी अनुवाद। हिंदी से ओड़िआ अनुवाद में भी दक्ष।

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Paperback

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Hindi

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Publishing Year

2025

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