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Description
धुरी से छूटी आह
हिन्दी कविता के समकालीन संसार में लीन मल्होत्रा एक नितान्त भिन्न स्वर और आस्वाद की कवयित्री हैं। प्रेम जैसे शाश्वत समझे जाने वाले विषय को ये अनूठी नव्यता और समकालीन प्रदान करती हैं। इन कविताओं में, एक मर्मभेदी पुकार है-कभी प्रेम की अपूर्णता के एहसास से और कभी प्रेम की अप्राप्यता के दुख से निकली हुई और कभी एक असम्भव दुनिया में उससे भी असम्भव प्रेम को बचाने के संकल्प से बनी हुई।
Additional information
Binding | Paperback |
---|---|
Authors | |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher |
शोभा Malhotra –
बहुत ही सुंदर लिखती हैं.बहुत बहुत बधाई. आप सब भी पढे धूरी से छूटी आह.