Dr Ram Manohar Lohiya Ka Sanskritic Rashtrawad

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Dr Ram Manohar Lohiya Ka Sanskritic Rashtrawad

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210.00 180.00

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Author: Prayag Narayan Tripathi

Availability: 4 in stock

Pages: 188

Year: 2019

Binding: Paperback

ISBN: 9788123789545

Language: Hindi

Publisher: National Book Trust

Description

डॉ. राम मनोहर लोहिया का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद

डॉ. राम मनोहर लोहिया का सुझाव था कि नामकरण, वेश-भूषा और रहन-सहन में यदि एकरूपता लाई जाए तो राष्ट्र की संस्कृति और एकता में समरसता स्थापित की जा सकती है। भारतीय राजनीति और आजादी की लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाने वाले डॉ. लोहिया का पूरा जीवन उतार और चढ़ाव से भरा रहा है। 23 मार्च 1910 को जन्मे लोहिया ने पं. जवाहर लाल नेहरू की सरकार के खिलाफ भी आवाज उठाई। 12 अक्तूबर 1967 को दुनिया को अलविदा कहने वाले लोहिया को भारतीय संस्कृति से न केवल अगाध प्रेम था, बल्कि देश की आत्मा को उन जैसा हृदयंगम करने का दूसरा उदाहरण नहीं मिलता है। समाजवाद की यूरोपीय सीमाओं और आध्यात्मिकता की राष्ट्रीय सीमाओं को तोड़ कर उन्होंने एक विश्व-दृष्टि विकसित की। उनका विश्वास था कि पश्चिमी विज्ञान और भारतीय अध्यात्म का असली व सच्चा मेल तभी हो सकता है जब दोनों को इस प्रकार संशोधित किया जाए कि वे एक-दूसरे के पूरक बनने में समर्थ हो सकें। भारतमाता से लोहिया की मांग थी- ‘हे भारतमाता ! हमें शिव का मस्तिष्क और उन्मुक्त हृदय के साथ-साथ जीवन की मर्यादा से रचो।

यह पुस्तक सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर डॉ. लोहिया की सोच को प्रस्तुत करती है।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2019

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