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Description
द्रौपदी
द्रौपदी अनेक प्रश्नों और पक्षों को प्रस्तुत करती एक महती कृति है। इसका छन्द, भाषा और विन्यास कथ्य के समतुल्य एवं अप्रमेय है। धर्म तक को प्रश्नांकित करती यह दीर्घ कविता साहसिक तथा कल्पनाप्रवण है। इसे पढ़ते हुए उर्वशी व अन्धा युग की याद आना स्वाभाविक है। यह काव्य एक बार पुनः सिद्ध करता है कि महाभारत हमारा अक्षयकोष है। पूरी कविता में गज़ब की त्वरा और बेचैनी है। यह एक पड़ाव है समकालीन साहित्यिक परिवेश में।
– अरुण कमल
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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