Ek Aag Ka Dariya Hai

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Ek Aag Ka Dariya Hai

Ek Aag Ka Dariya Hai

180.00 150.00

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Author: Giriraj Kishore

Availability: 5 in stock

Pages: 174

Year: 2008

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126313617

Language: Hindi

Publisher: Rajpal and Sons

Description

इक आग का दरिया है

प्रतिष्ठित कथाकार गिरिराज किशोर के नवीनतम उपन्यास ‘इक आग का दरिया है’ में आधुनिक जीवन के अन्तर्विरोधों के बीच टूटता-बनता मां और बेटी, पिता और पति, पत्नी व सन्तान के सम्बन्धों से बननेवाला एक ऐसा त्रिकोण है जो अटूट भी है और भुरभुरा भी।….नशा पुरूष की व्यावसायिक शोभा हो सकता है तो स्त्री और उसकी इकलौती बेटी तथा पिता के बीच न मिल सकने वाले दो किनारों की वह भूमिका भी अदा करने का कारण बनता है। और तब स्वतन्त्रता के फ़ितूर और प्यार के बन्धन के बीच रस्साकशी शुरू हो जाती है। खारा सागर, जिसमें निवेश (उपन्यास के पात्र) का जहाज महीनों तैरता था, वहाँ उसे दो बूंद जल की अनिवार्यता महसूस होने लगती है जो उस त्रिकोण को नई ज़िन्दगी बख़्श सके।

शायद उस आग के दरिया से निकलने और उसमें उठती उत्ताल तरंगों के घर में घुसकर उमा के गर्भस्थ बच्चे को बहा ले जाने की कल्पित आशंका से प्यार का दो बूँद जल ही बचा सकता है। ‘अंहकार के मुक़ाबले संकल्प’ ही खेवैया बनता है। और इसी के साथ अनदेखे ‘शिवदा’ की आवाज़ अन्दर गूंजती है जो बार-बार कहती है-‘अपना कटोरा अपने आप बनों…जो बचा है उसे सँभालों।’ उस आवाज़ को उमा रात-दिन अपने अन्दर महसूस करती है। आधुनिकता के इस शोर में उसे यह आवाज़ कैसे सुनाई पड़ी यह सवाल आपकी तरह उसे भी परेशान कर सकता है।

आधुनिक परिवेश में दिन-दिन उपजते अन्तर्विरोधों के अँधेरे के बीच उम्मीद की लौ जगाती एक मार्मिक कथा है गिरिराज किशोर का यह कृति ‘इक आग का दरिया है’-इक अत्यन्त रोचक उपन्यास।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2008

Pulisher

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