Ek Indradhanush Zubeda Ke Naam

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Ek Indradhanush Zubeda Ke Naam

Ek Indradhanush Zubeda Ke Naam

250.00 215.00

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250.00 215.00

Author: Suryabala

Availability: 5 in stock

Pages: 128

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9789389471038

Language: Hindi

Publisher: Prabhat Prakashan

Description

दिशाहीन

एक लंबे अंतराल के बाद प्रस्तुत है प्रतिष्ठित कथाकार सूर्यबाला का पहला कहानी-संग्रह ‘एक इंद्रधनुष : जुबेदा के नाम’ – जिसकी ‘रेस’, ‘निर्वासित’, ‘पलाश के फूल’ आदि सभी शुरुआती कहानियों ने क्रमशः ‘सारिका’ और ‘धर्मयुग’ आदि स्तरीय पत्रिकाओं में प्रकाशित होने के साथ ही प्रायः सभी आयु-वर्ग के पाठकों और मर्मज्ञों का ध्यान खींचा था, उन्हें अपने सम्मोहन में बाँधा था। तब से आज तक सूर्यबाला के कथा साहित्य का कैनवास गाँव से शहर, शहर से महानगर के साथ-साथ निम्न, मध्य और उच्च वर्ग तक फैले रेंज के लिए जाना जाता है।

प्रारंभ से ही सूर्यबाला ने अपनी कहानियों के कथ्य और शिल्प की कोई सीमा नहीं बाँधी। बाजार के रुख से बेखबर वे ‘माँग’ और ‘सप्लाई’ वाले ट्रेड की अनसुनी करती रहीं। सामयिकता के ऊपरी और सतही दबाव भी उन्हें नहीं भरमा पाए। लेकिन उनकी प्रत्येक रचना अपने समय की विदूपता और व्यक्ति की संवेदना को तेजी से निगलती व्यावसायिकता का प्रतिनिधित्व करती है। कहानी चाहे वर्गभेद के ध्रुवातों की हो (लाल पलाश..), चाहे आज की अंधी दौड़  (रेस) और चाहे रीतते मानवीय संबंधों (निर्वासित) की या प्रेम के गहरे अहसासों की, हर रचना समय की समग्रता में प्रवेश करने की कोशिश करती है।

पढ़नेवालों को हमेशा इन कहानियों की प्रतीक्षा शायद इसीलिए रहती है, क्योंकि इनके पात्रों में वे स्वयं अपने को ढूँढ पाते हैं। बीस बरस पहले लिखी जाकर भी ये कहानियाँ आज तक पुरानी नहीं पड़ीं।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

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