Ek Sahityik Ke Diary

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Ek Sahityik Ke Diary

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135.00 110.00

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Author: Gajanan Madhav Muktibodh

Availability: 5 in stock

Pages: 120

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9789357759090

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

एक साहित्यिक की डायरी

‘एक साहित्यिक की डायरी’ के पहले संस्करण की पाण्डुलिपि मार्च 1964 में भोपाल में मुक्तिबोध जी ने मुझे सौंपी थी और वह जिस रूप में चाहते थे उसी रूप में वह प्रकाशित हुई। उस पाण्डुलिपि में ‘कुटुयान’ और काव्य-सत्य’ और ‘कलाकार की व्यक्तिगत ईमानदारी’ शीर्षक किस्तें नहीं थीं और फलस्वरूप वे पहले संस्करण में नहीं हैं।

ये सारी डायरियाँ ’57, ’58 और ’60 में ‘वसुधा’ (जबलपुर) में प्रकाशित हुई थीं।

‘डायरी’ शब्द एक भ्रम पैदा करता है और यह गलतफहमी भी हो सकती है कि मुक्तिबोध की ये डायरियाँ भी तिथिवार डायरियाँ होंगी। लेकिन वास्तविकता यह है कि ‘एक साहित्यिक की डायरी’ केवल उस स्तम्भ का नाम था जिसके अन्तर्गत समय-समय पर मुक्तिबोध को अनेक प्रश्नों पर विचार करने की छूट न केवल सम्पादन की ओर से बल्कि स्वयं अपनी ओर से भी होती थी। ‘वसुधा’ के पहले नागपुर के ‘नया खून’ साप्ताहिक में वह ‘एक साहित्यिक की डायरी’ स्तम्भ के अन्तर्गत कभी अर्द्ध-साहित्यिक और कभी गैर-साहित्यिक विषयों पर छोटी-छोटी टिप्पणियाँ लिखा करते थे जो एक अलग संकलन के रूप में प्रकाशन के लिए प्रस्तावित हैं। प्रस्तुत डायरी में केवल ‘वसुधा’ में प्रकाशित किस्तों-जो स्वयं में स्वतन्त्र निबन्ध हैं-को शामिल करने का उनका उद्देश्य ही यही था कि वे न तो सामयिक टिप्पणियों को साहित्य मानते थे और न साहित्य को सामयिक टिप्पणी वस्तुतः जैसा कि श्री ‘अदीब’ ने लिखा है, मुक्तिबोध की डायरी उस सत्य की खोज है जिसके आलोक में कवि अपने अनुभव को सार्वभौमिक अर्थ दे देता है।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2023

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