- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
एक उम्मीद और
चर्चित और यशस्वी उपन्यासकार अभिमन्यु अनत का यह नया उपन्यास समकालीन उपन्यासों की धारा से कुछ हटकर है जो सहज ही पठनीयता को आमंत्रित करता है। पुनर्जन्म की अवधारणा पर आधारित इस उपन्यास में गर्भस्थ शिशु को नैरेटर बनाकर कथानक का ताना-बाना सिरजा गया है जिसके माध्यम से समकालीन जीवन में बन रहे सामाजिक और प्राकृतिक पर्यावरण के प्रदूषण पर न केवल गहरी और सार्थक चिंता है बल्कि उससे निजात पाने के आवश्यक संकेत भी। बढ़ते शहरीकरण ने जहाँ प्रकृति की सुन्दरता को विनष्ट किया है वहीं सियासतदानों की स्वार्थपरता ने मानव-मानव के बीच नफरत और हिंसा की गहरी खाई पैदा कर दी है।
आम आदमी जो कि इन राजनीतिज्ञों और मजहबी, साम्प्रदायिक ताकतों की इस चाल को नहीं समझते हैं वे इनके झाँसे में आकर इस धरती की सुन्दरता को और इंसानियत के निरंतर प्रवाह को क्षति पहुँचाते हैं, लेकिन जब एक शिशु के जन्म की वेला आती है तो फिर दुखी और पीड़ित इंसानों के मन में ‘एक और उम्मीद’ की कोंपल फूटती है। यह उपन्यास इंसानियत की इसी उम्मीद की कोंपल के खिलने की दास्तान है जो अपनी रचनात्मक विशिष्टता और सहज प्रवाह के कारण न केवल पाठकीय संवेदना को स्पंदित करता है बल्कि वैचारिक उत्तेजना को भी नया आयाम प्रदान करता है।
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
Reviews
There are no reviews yet.