Fasak

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225.00 180.00

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Author: Rakesh Tiwari-Vani

Availability: 5 in stock

Pages: 256

Year: 2017

Binding: Paperback

ISBN: 9789352296798

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

फसक

समय की नब्ज़ पर उँगली होते हुए भी ‘फसक’ में ज्वलन्त दस्तावेज़ रच देने का बहुप्रतिष्ठित लोभ इतना हावी नहीं है कि क़िस्सागोई पृष्ठभूमि में चली जाए। फसकियों (गपोड़ियों) के इलाके से आनेवाले राकेश तिवारी क़िस्सा कहना जानते हैं। जिन लोगों ने ‘कठपुतली थक गयी’, ‘मुर्गीखाने की औरतें’, ‘मुकुटधारी चूहा’ जैसी उनकी कहानियाँ पढ़ी हैं, उन्हें पता है कि इस कथाकार की पकड़ से न समय की नब्ज़ छूटती है, न पाठक की।

राकेश की खास बात है, इस चीज़ की समझ कि वाचक की बन्द मुट्ठी लाख की होती है और खुलकर भी खाक की नहीं होती बशर्ते सही समय पर खोली जाए। थोड़ा बताना, थोड़ा छुपा कर रखना, और ऐन उस वक़्त उद्घाटित करना जब आपका कुतूहल सब्र की सीमा लाँघने पर हो- यह उनकी क़िस्सागोई का गुर है। इसके साथ चुहलबाज़ भाषा और व्यंग्यगर्भित कथा-स्थितियाँ मिलकर यह सुनिश्चित करती हैं कि एक बार उठाने के बाद आप उपन्यास को पूरा पढ़कर ही दम लें।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2017

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