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Description
फाइटर
फाइटर की डायरी वर्दी क्या होती है, जानती हो ? वह क्या महज कोई पोशाक होती है, जैसा कि समझा जाता है। सुनो वह पोशाक के रूप में ‘ताकत’ होती है। उसी ताकत को तुम चाहती हो। जिसको कमजोर मान लिया गया है, उसे ताकत की तमन्ना हर हाल में होगी। हाँ, वह वर्दी तुम पर फबती है। ताकत या शक्ति हर इनसान पर फबती है। लेकिन फबती तभी है जब वर्दीरूपी ताकत का उपयोग नाइंसाफी से लड़ने के लिए होता है। यह मनुष्यता को बचाने के लिए तुम्हें सौंपी गई वह ताकत है, जो तुम्हारे स्वाभिमान की रक्षा करती है। सच मानो वर्दी तुम्हारी शख्सियत का आइना है।
स्त्री की कोशिश में अगर जिद न मिलाई जाए तो उसका मुकाम दूर ही रहेगा। सच में औरत की अपनी जिद ही वह ताकत है जो उसे रूढ़ियों, जर्जर मान्यताओं के जंजाल से खींचकर खुली दुनिया में ला रही है। नहीं तो सुमन जैसी लड़कियों की पढ़ाई छुड़वाकर उसे घर बिठा दिया जाता। मेरे खयाल में आप त्रियाहठ का अर्थ उस तरह समझ रही हैं कि जो दृढ़ संकल्प हमारे जीवन को उन्नति की ओर ले जाए। ‘नहीं, शादी नहीं। मैं घर से भाग जाऊँगी’ अम्मी के सामने यह कहा तो अम्मी की आँखें कौड़ी की तरह खुली रह गईं। उनके होंठों में हरकत थी, जैसे कह रही हों–भाग जाएगी! भाग जाएगी!!–उन्होंने जो साफतौर पर कहा, वह तीर की तरह चुभा हिना को–‘भाग जा, रंडियों के कोठे पर बैठ जाना और तू करेगी क्या ?’
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2012 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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