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Description
गबन
प्रेमचंद का प्रसिद्ध उपन्यास है। इस उपन्यास में उन्होंने भारतीय नारी के आभूषण-प्रेम को आधार बनाकर मध्यवर्ग के आर्थिक और सामाजिक अंतरविरोधियों का मनोहारी चित्रण किया है। रमानाथ जैसा चरित्र प्रेमचंद की गहरी दृष्टि का परिणाम है जो अपनी पत्नी की आभूषण लिप्सा के लिए चोरी करने पर उतर आता है। गबन करता है और फिर गबन के अपराध से बचने के लिए शहर छोड़कर भागने के लिए मजबूर हो जाता है। इसी कारण रमानाथ लगातार एक के बाद दूसरी कठिनाइयों में फंसता चला जाता है लेकिन प्रेमचंद का अभिप्राय मात्र रमानाथ की कहानी का नहीं है। वे इसके मध्यम से व्यवस्था और पोलिसतंत्र के भ्रष्टाचार, क्रूरता और अमानवीयता का चित्रण करते हैं, और बताते हैं कि सारी व्यवस्था भ्रष्टाचार के दलदल में धंस चुकी है। लोग गलत ढंग से धन कमाने को ही अपनी असली कमाई मानने लगे हैं।
प्रेमचंद अपने इस उपन्यास में राष्ट्रीय आन्दोलन की गतिविधियों को भी ले आते हैं और इससे अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता को भी अत्यन्त कलात्मक ढंग से व्यक्त करते हैं। यही कारण ही कि इतने लम्बे अरसे के बाद भी भारतीय मानव में एक महत्वपूर्ण कथा-कृति के रूप में टिका हुआ है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2012 |
Pulisher |
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