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Description
गहनें क्यों पहनें ?
प्रस्तुत पुस्तक में मानव जीवन में आभूषणों की उपयोगिता एवं महत्ता के बारे में प्रकाश डाला गया है। जो किसी भी वस्तु को अलंकृत कर दे अथवा गुणों में वृद्धि करें आभूषण उसे कहते हैं। अलंकरण का अर्थ है क्षमता को बढ़ाना गहनों के प्रति लगाव मनुष्य का सहज है और सजना-सँवरना नैसर्गिक प्रवृत्ति। प्रकृति के रंगरूपों को देखकर ही शायद मनुष्य के भीतर श्रृंगार की भावना जन्मी। शुरुआत में उसने स्वयं को फूल-पत्तियों से सजाया फिर धातु के आभूषणों की खोज हुई। जैसे-जैसे मनुष्य का बौद्धिक विकास हुआ तो उसकी धारणा बनी कि त्वचा और स्नायुओं पर गहनों से दबाव पड़ता है और उससे तन-मन स्वस्थ रहता है। इस तरह गहने रोगमुक्ति का साधन बने। जब ज्योतिष तथा आयुर्वेद का विकास हुआ तो गहनों का महत्व बढ़ गया और स्वास्थ्य के साथ ही समृद्धि एवं ज्योतिष के आयाम भी गहनों से जुड़ गए और स्त्री सौंदर्य के साधन बन गए।
आभूषणों के विभिन्न स्वरूपों को जानने के लिए एक व्यापक सर्वे किया गया है तथा इससे प्राप्त रोचक जानकारियों का इस पुस्तक में समावेश भी किया गया है। इस तरह यह पुस्तक एक प्रामाणिक शोध ग्रंथ बन गई है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2024 |
Pulisher |
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