Gandharva Gatha
Gandharva Gatha
₹395.00 ₹335.00
₹395.00 ₹335.00
Author: Manisha Kulashreshta
Pages: 176
Year: 2022
Binding: Hardbound
ISBN: 9788171382576
Language: Hindi
Publisher: Samayik Prakashan
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Description
गंधर्व गाथा
युवा पीढ़ी की बहुप्रशंसित कथाकार मनीषा कुलश्रेष्ठ का यह पांचवां कहानी संग्रह है। इसकी ग्यारह कहानियां लेखिका की परिचित विशिष्ट शैली में अनूठी दुनिया के पात्रों और स्थितियों से मुलाकात करवाती हैं।
ये रचनाएं हिन्दीं की सामान्य कथा-कहानियों से हटकर हैं, क्योंकि मनीषा कुलश्रेष्ठ के पात्र बंधी-बंधाई लीक पर चलने के आदी नहीं हैं। कहानीकार की भाषा में कहें, तो ये ‘हटेले चरित्रों’ की कहानियां हैं। भारतीय मध्य वर्ग में ऐसे पात्र चौंकाते भले ही हों, हैं जीते-जागते और वास्तविक । इनका अंतःसंघर्ष इनके चरित्र के कारण, सामान्य चरित्रों से कहीं अधिक होता है, क्योंकि अपनी ही दुनिया इन्हें अजीबोगरीब समझने लगती है।
फंतासी और यथार्थ के बीच जीते ये सहज-सरल इंसान लोगों को भले ही कितने अजीब क्यों न लगते हों, कथाकार उन्हें फ्रीकी ईश्वर का बंदा ही मानती है। इस हद तक उनके संसार के प्रति संलग्न है वह कि वह खुद को भी एक ‘फ्रीक’ ही समझने लगती है। उसकी यही समझ ऐसी गहरी रचनात्मकता सौंपती है कि वह अपने-चरित्रों की दुनिया के तमाम सनकनुमा तत्वों को पकड़ लेती हैं।
यह कहानियां पढ़ते हुए ओप एक अलग ही दुनिया में जा खड़े होंगे, जो होती तो आपके आस-पास ही है, लेकिन अक्सर आप उसे देख नहीं पाते।
इन कहानियों की भाषा, पात्र और उनका ट्रीटमेंट पढ़कर आप जान जाएंगे कि मनीषा कुलश्रेष्ठ वर्तमान साहित्यिक परिदृश्य में न केवल विशिष्ट शैली की रचनाकार है बल्कि सबसे बौद्धिक भी।
मनीषा कुलश्रेष्ठ के साहित्य को पढ़े बिना समसामयिक हिन्दी साहित्य को जानने-समझने का किसी भी सुधी
पाठक का प्रयास अधूरा ही माना जाएगा।
अनुक्रम
★ भूमिका
★ स्वांग
★ कालिन्दी
★ मेरा ईश्वर यानी…
★ एडोनिस का रक्त और लिली के फूल
★ परजीवी
★ खरपतवार
★ बिगड़ैल बच्चे
★ कुरजां
★ फांस
★ स्यामीज़
★ गंधर्व-गाथा
Additional information
Authors | |
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ISBN | |
Binding | Hardbound |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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