- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
गाँधी और कला
महात्मा गाँधी के कला-बोध और कलाओं से उनके सम्बन्ध और उनकी अपेक्षाओं पर समग्रता से एकत्र विचार करने वाली, हमारे जाने, यह पहली पुस्तक है। गाँधी जी जीवन, कर्म और दृष्टि में पारदर्शिता और नैतिकता का आग्रह करते थे और कलाएँ इस आग्रह से मुक्त नहीं हो सकती थीं। उनके निकट कलाओं को पहले सत्यदर्शी और मंगलकारी होना चाहिए था तभी उनमें सौन्दर्य सम्भव था। अरविन्द मोहन ने इस सिलसिले में प्रामाणिक साक्ष्य जुटाया है और सम्यक् विवेचन कर गाँधी जी की कला-दृष्टि विन्यस्त की है। हमें यह पुस्तक रज़ा पुस्तक माला में प्रकाशित करते हुए प्रसन्नता है।
– अशोक वाजपेयी
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2021 |
Pulisher |
Reviews
There are no reviews yet.