Ganit Se Jhalakti Sanskriti

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Ganit Se Jhalakti Sanskriti

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Author: Gunakar Muley

Availability: Out of stock

Pages: 208

Year: 2015

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126726769

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

गणित से झलकति संस्कृति

गणित और संस्कृति का अन्योन्याश्रित संबंध रहा है। अतीत की कौन सी संस्कृति कितनी उन्नत रही है, यह उसकी गणितीय उपलब्धियों से पहचाना जा सकता है। किसी आदिम जनजाति की भौतिक अवस्था इस बात से भी जानी जा सकती है कि वह कहां तक गिनती कर सकती है। यूनानियों ने मिस्र से ज्यामितीय जानकारी हासिल करके उसका आगे विकास किया और उसे निगमनात्मक तर्कशास्त्र का इतना सुदृढ़ जामा पहनाया कि यूक्लिड (300 ई.पू.) की ज्यामिति आज भी सारी दुनिया के स्कूलों में पढ़ाई जाती है। ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में संसार को भारत की सबसे बड़ी देन हैशून्य सहित सिर्फ दस संकेतों से सारी संख्याएं लिखने की अंक-पद्धति, जिसका आज सारी दुनिया में व्यवहार होता है। गणित अब एक व्यापक विषय बन गया है। आज गणित के बिना किसी भी विषय का गहन अध्ययन संभव नहीं है। भौतिकी, रसायन, आनुवंशिकी आदि अनेक वैज्ञानिक विषयों के लिए गणित का बुनियादी महत्त्व है।

इस पुस्तक के लेखक गुणाकर मुले आजीवन हिंदी भाषा-भाषी समाज को वैज्ञानिक चेतना से संपन्न बनाने का सपना देखते रहे। इसी उद्देश्य को ध्यान में रख उन्होंने अनेकानेक ग्रंथों की रचना की। गणित और संस्कृति के अंतर्संबंधों को रेखांकित करनेवाली यह पुस्तक भी उनकी इसी साधना का फल है जिसे पाठक निश्चय ही अत्यंत उपयोगी पाएंगे।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Pages

Publishing Year

2015

Pulisher

Language

Hindi

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