Gaon Ke Naon sasurar Mor Naon Damaad

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Gaon Ke Naon sasurar Mor Naon Damaad

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100.00 85.00

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Author: Habib Tanvir

Availability: 5 in stock

Pages: 56

Year: 2018

Binding: Paperback

ISBN: 9789352291304

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

गाँव के नाँव ससुरार मोर नाँव दामाद

इस नाटक में हबीब जी ने प्रेम को नए रूप में ढाल कर पेश किया है। छतीसगढ़ में शरद पुर्णिमा के दिन एक त्योहार मनाया जाता है जिसे ‘छेर-छेरा’ कहते हैं। इस त्योहार के दिन नौजवान लड़के अनाज और सब्जी लोगो से मांग कर जमा करते हैं और बाद में पूरा युवक समाज त्योहार के दिन झंगलू और मंगलू गाँव के दो लड़के शान्ति और मान्ती के साथ छेड़छाड़करते हैं। इसी बीच झंगलू को मान्ती से प्रेम हो जाता है। मान्ती का पिता इस निर्धन लड़के बजाए एक बूढ़े मालदार सरपंच से मान्ती की शादी कर देता है झंगलू अपने मित्रों के साथ लड़की की तलाश में निकल जाता है। लड़के देवार जाति के लोगो का वेष बदलकर सरपंच के गाँव पहुँचजाते हैं। उसे छेड़ते और तरह-तरह से बेवकूफ बनाते हैं। इस समय गाँव में शंकर पार्वती की पूजा हपो रही है जिसे ‘गौरी-गौरा’ कहते हैं। इस संस्कार में मान्ती भी शामिल है। झंगलू इस दौरान किसी तरकीब से अपनी प्रेमिका को भाग ले जाता है। नाटक प्रेम की जीत के गीतों पर समाप्त होता है।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2018

Pulisher

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