Garud Puran

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Garud Puran

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Author: Jwalaprasad Chaturvedi

Availability: 5 in stock

Pages: 192

Year: 2017

Binding: Hardbound

ISBN: 0

Language: Hindi

Publisher: Randhir Prakashan

Description

श्री गरुड़ पुराण

मरणोपरान्त (और्ध्वदैहिक)

क्रियाओं का सम्पूर्ण विवरण

अज्ञान से ही जीव का इस संसार में आवागमन होता है। अनेक प्रकार के शरीरों में जीव उत्पन्न होते और मरते हैं। वे सभी दुःख में व्याकुल रहते हैं, कभी कोई सुखी नहीं रहता और मनुष्य शरीर के अतिरिक्त अन्य किसी शरीर में तत्वज्ञान नहीं होता।

अतः देहधारियों को चौरासी लाख शरीर ग्रहण करने के बाद सुकृत से मानव शरीर मिलता है। बिना देह कॉ कोई पुरुषार्थ नहीं कर सकता इसलिए सतकर्मों के करते हुए इस देह की रक्षा करें। रक्षा किया गया ये शरीर धर्म के लिए होता है। धर्म ज्ञान के लिए और ज्ञान योग के लिए होता है। इस प्रकार जीव मुक्त होता है। मोक्ष की सीढ़ी सदृश्य इस दुर्लभ मनुष्य देह को पाकर भी जो मोक्ष का यत्न न करे तो मूर्ख कौन है ?

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2017

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