Geetimala

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150.00 112.00

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Author: Ramvilas Sharma

Availability: 5 in stock

Pages: 76

Year: 2012

Binding: Hardbound

ISBN: 9788181432292

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

गीतिमाला

हिन्दी साहित्य में गीतात्मकता की बड़ी समृद्ध परंपरा है। जिस प्रकार प्रभात की सुनहरी किरण को छूकर पक्षी आनन्द से चहचहा उठता है और बादलों को घुमड़ता देखकर मोर नाच उठता है, उसी प्रकार मनुष्य भी अपने भावों को नाच गाकर ही प्रकट करता है। स्वर सामंजस्य में बंधा हुआ गेय काव्य मनुष्य हृदय के कितना निकट है, उस समय के संगीतज्ञ-कवियों को भली-भांति ज्ञात था। रामविलास जी की संगीत में गहरी रुचि थी, खास तौर से शास्त्रीय और लोक संगीत में। साहित्यकार के रूप में भी वह कवि पहले थे, आलोचक बाद में। प्राचीन और मध्यकालीन कवियों की कल्पनाएं, उनकी उपमाओं का अनूठापन और भक्ति चातुरी उन्हें विशेष प्रिय थीं। पाठकों को हिन्दी की काव्य परंपरा से परिचित कराने के लिए उन्होंने गीतिमाला का संकलन किया था।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2012

Pulisher

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