Geeton ke kunwar : Kunwar Bechain
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Description
गीतों के कुँवर : कुँवर बेचैन
इस बात में किंचित संदेह नहीं कुँअर बेचैन का काव्य सत्य शिव और सुंदर है। गीत हो या ग़ज़ल उन्होंने जो भी लिखा डूबकर लिखा। उनका सम्पूर्ण साहित्य निर्दोष, उदात्त और सशक्त है। उसको समझने के लिए गहराई चाहिए, उत्तेजना नहीं। इसके साथ एक बात और एक संवेदनशील और रचनाधर्मी व्यक्ति की रचनात्मक दृष्टि मापक धरातल पर सोचने और जीने की प्रेरणा प्रदान करती है। आज की विसंगतियों और अर्थ-हीनताओं के बीच यह बड़ी बात है कि हमारे बीच एक ऐसा लेखक है जो अपने सारे संघर्ष में मनुष्य और लेखक के सम्बन्ध को परिभाषित करते चलने की प्रक्रिया को ही रचनाधर्मिता मानता है।
– गोपालदास ‘नीरज‘
कुँअर बेचैन के बारे में लिखना उतना ही मुश्किल है जितना कुछ न लिखना। कुँअर जी से मेरा बहुत पुराना सम्बन्ध है। याद ही नहीं आ रहा कि पहली बार कब कहाँ मिले। लेकिन जितनी बार मिलते है यही लगता है कि पहली बार मिल रहे हैं। हर बार नया और कुछ नया। ये हम-सफरी का बेजुबान अहसास हर किसी के साथ होने में नहीं आता। वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनसे दोस्त भी खुश, दुश्मन भी राजी रहता है। यानि उनके व्यक्तित्व में वह मिठास है, वह अपनापन है कि दुश्मन भी उनका दोस्त हो जाता है। कभी-कभी तो लगता है कि वह इंसान इंसान नहीं फरिश्ता है। वे एक ऐसे रचनाकार हैं जिनके कृतित्व और व्यक्तित्व में कहीं अलगाव नहीं है। यह अद्भुत समानता जो उनकी कविता और स्वभाव की है, हैरत में डाल देती है।
– प्रोफेसर वसीम बरेलवी
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher |
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