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Description
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गालिब
किसी के लिए भी गालिब का व्यक्तित्व और कृतित्व समझ लेना, समझा देना आसाँ नहीं है। योवन की तरंगों का यह रंगीन शाइर बाहर से जितना मोहक है, भीतर से उतना ही जटिल और विविध भी। गालिब का काव्य लोक सामुद्रिक संसार की तरह उलझा, विचित्र और खूबसूरत है—कहीं भावनाएँ शीशे की तरह पारदर्शी और कहीं कल्पनाएँ आँख पर उठ आयी जल की उज्ज्वल परताकें की तरह पवित्र एवं पाठक को डबडबा देनेवाली।
गालिब के बारे में सबसे कीमती बात निःसंकोच यह कही जा सकती है कि वो अपने जीवन-दर्शन में आधुनिक और अधुनातन खूबियाँ समाविष्ट किए हुए हैं और इसीलिए आज भी महान हैं, आज भी पहले से अधिक लोकप्रिय। रामनाथ सुमन ने प्रस्तुत ग्रंथ में बस किया क्या है कि बहुत अधिक लोकप्रिय इस महाकवि की रहस्य में छपी ऊँचाइयों को अपनी पैनी प्रतिभा से पूरी तौर पर अफशाँ कर दिया है—बचा शायद बहुत कम होगा, पाठक स्वयं देखेंगे। प्रस्तुत है ‘गालिब’ का यह नया संस्करण।
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Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2024 |
Pulisher |
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