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Ghar Ki Baat

Ghar Ki Baat

995.00 755.00

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995.00 755.00

Author: Ramvilas Sharma

Availability: 5 in stock

Pages: 464

Year: 2014

Binding: Hardbound

ISBN: 9789350727218

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

घर की बात

आख़िरकार, एक आम पाठक किसी दूसरे परिवार का इतिहास जानने के लिए क्यों उत्सुक होगा ? इसलिए नहीं, कि यह कोई विशेष परिवार है, इसलिए भी नहीं, कि इसने हिन्दी साहित्य को एक अमूल्य रत्न दिया और पाठक, सम्भवतः, जानना चाहेंगे कि इस लेखक को बड़ा बनाने में उसके परिवेश और परिवार ने क्या भूमिका निभाई ? बल्कि इसलिए, कि यह भारत देश में रहने वाला एक आम परिवार है, यानी भारत में रहने वाले तमाम परिवारों की तरह यह परिवार भी कभी गाँव में रहता था। गाँव में पढ़ाई-लिखाई की समुचित व्यवस्था न होने के कारण इन लोगों को गाँव छोड़कर एक छोटे शहर झाँसी में आकर रहना पड़ा। झाँसी में भी उच्च शिक्षा की व्यवस्था न होने के कारण इन लोगों को प्रदेश की राजधानी लखनऊ जाना पड़ा और अन्ततः तमाम अन्य परिवारों की तरह ये लोग भी एक महानगर में आकर बस गये। इस मायने में यह कहा जा सकता है कि यह एक ऐसा परिवार है जो भारत की तमाम मध्यवर्गीय जनता का प्रतिनिधित्व करता है।

इस परिवार ने भी उन तमाम संघर्षों को झेला है और करीब से देखा है जिन्हें आम जनता रोज देखती और झेलती है। फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि इन लोगों ने परिवार को जनतांत्रिक तरीके से चलाने की कोशिश की है और इस कोशिश के कुछ दस्तावेजों को बचा कर रखा है ताकि उन्हें आने वाली पीढ़ियों के साथ बाँटा जा सके। बहुत से परिवार आगे चलकर बिखर जाते हैं, लेकिन इन लोगों ने कैसे परिवार के मूल्यों को बचाकर रखा और आगे बढ़ने में एक-दूसरे की मदद की, यह देखने और सीखने की चीज है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2014

Pulisher

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