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गोडावण : मोरे अँगना की सोन चिरैया
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (गोडावण या सोन चिरैया) कभी भारत के एक बड़े भू-भाग में निवास करती थी। राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, आन्ध्र प्रदेश के हिस्सों में शुष्क, छोटी झाड़ियों और घासवाले मैदान इसे पसन्द थे। वहाँ पर इसका रहवास हुआ करता था, लेकिन अलग-अलग कारणों से आज यह पक्षी विलुप्ति के कगार पर पहुँच गया है। जिस पक्षी की मौजूदगी हर कहीं हुआ करती थी, आज उसकी एक झलक पाने के लिए पक्षी विशेषज्ञों को भी कई किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। आख़िर ऐसा हुआ क्यों ? क्यों भारत के सबसे बड़े पक्षियों में शामिल गोडावण को विलुप्ति के कगार पर पहुँचना पड़ा ? आख़िर उसकी जीवन-यात्रा किन राहों से गुज़री है, जो संकट की खाई के किनारे आकर खड़ी हो गयी है ? इसके लिए ज़िम्मेदार कौन है ? किसने उन्हें यहाँ तक धकेल दिया है ?
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Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2024 |
Pulisher |
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