Great Kanchana Circus

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Great Kanchana Circus

Great Kanchana Circus

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Author: Vishwas Patil

Availability: 5 in stock

Pages: 350

Year: 2024

Binding: Paperback

ISBN: 9789362873064

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

ग्रेट कंचना सर्कस

मराठी से अनूदित विश्वास पाटील का एक महत्त्वपूर्ण उपन्यास है। इसकी लोमहर्षक सत्यकथा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान की है जब जापान ने बर्मा पर अचानक बमबारी शुरू कर दी थी। दुर्योग से अपने करतब दिखलाने को रंगून से मिला आमन्त्रण स्वीकार कर असम का मशहूर सर्कस वहाँ गया हुआ था। सभी कलाकार और जंगली जानवर वहीं फँस गये। बाहर निकलने का कोई इन्तज़ाम नहीं था। और तो और, डर से पगलायी स्थानीय ब्रितानी सरकार की पुलिस ने गोली मारकर उनके कई जानवरों की हत्या कर दी। सर्कसवालों ने बचाने की कोशिश की तो पुलिसवाले उन्हें भी मार गिराने को उतारू हो गये। सिर्फ दो जानवर भागकर जंगल में छिपने में कामयाब हो पाये-राजसी और बुद्धिमान हथिनी, राजमंगला और सुपर तेज़ धावक व करतब में पारंगत घोड़ा, फक्कड़राव।

अब इन सबकी शुरू होती है वापसी की एक डोर में बाँधे चुनौतीपूर्ण और शौर्यपूर्ण यात्रा। करते भी क्या इनके पास, अकल्पनीय रूप से घनघोर और बेरोक बरसात में, 520 कि.मी. लम्बा घना जंगल, पैदल पार करने के सिवा, कोई विकल्प भी न था। जंगल भी ऐसा जहाँ कन्द-मूल, फल तक नहीं। हाथ लगते बस जंगली केले और बाँस की ताज़ा कोंपलें। उनके लिए कभी मछली, केंकड़े और जंगली घास उबालकर पेट भरने के अलावा कोई रास्ता न था। पर इस पुस्तक में केवल संघर्ष और दिलेरी ही नहीं है। इसमें विस्तार और सूक्ष्मता से युद्ध, बमबारी, इन्सानी अहंकार, प्राकृतिक विपदा और आघात के चित्र भी अंकित किये गये हैं, उसी बारीकी से सर्कस के करतब और उनके लिए की गयी तैयारी का भी चित्रण किया गया है। हम यह भी जान जाते हैं कि वे करतब उतनी ही कलाकारी की माँग करते हैं, जितनी शास्त्रीय संगीत या नृत्य।

उल्लेखनीय है कि अपनी बीहड़ यात्रा में मृत्यु के रौद्रतम प्रहार के सामने खड़ा जीवन का आलिंगन करता, हँसता-खिलखिलाता, प्रेम करता लघु मानव और पशु जब आसमान की ऊँचाई छूने लगते हैं, हमें भी जीवन को बहादुरी और प्रेम से जीने का सबक़ देते हैं। अन्त में, जब वे भारत की सीमा में पहुँचते हैं, लगता है, ऐसी पुस्तक का अन्त त्रासदी से उबरकर ही हो सकता था। होता भी है । सर्कस वापस अपनी ज़मीन पर पहुँचता है और कुछ महीनों बाद फिर से शो करता है।

कहने की आवश्यकता नहीं कि जितना कल्पनातीत है, उतना ही यथार्थ है विश्वास पाटील के उपन्यास ग्रेट कंचना सर्कस का फलक।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

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