- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
गुलाबी कमीज
‘गुलाबी कमीज’ ऐसा रोचक उपन्यास है जो बच्चों को वैश्विक महामारी कोरोना के आतंक से उबारता है और उन्हें सुखद भविष्य का स्वप्न सौंपता है। कथानायक हीरा ग्यारह साल का मासूम बच्चा है। उसकी आँखों के सामने कोरोना से उपजा भयावह सन्त्रास है, पर हृदय में संघर्ष की ताक़त, अटूट जिजीविषा और जीतने का विश्वास भी कम नहीं है।
श्यामल कैनवास पर अंकित इस उपन्यास की रेखाएँ उज्ज्वल हैं, दुर्दिन में भी स्वार्थ की भूमि से ऊपर उठकर परदुःखकातरता के उदात्त भाव का सन्देश दे रही हैं। उपन्यास सम्पूर्ण समाज को अवसाद और निराशा से बचाता है, जो इस कोरोना काल की सबसे बड़ी ज़रूरत है।
कोरोना के सन्दर्भ में बच्चों के मनोबल और आशावादिता से हम सब वाकिफ़ हैं। इसीलिए हीरा का यह सोच हवा की लहरों पर तैरता हुआ पता नहीं कब विश्व भर के बच्चों की आवाज़ बन जाता है, “दुनिया कितनी सुन्दर है। कोरोना इसे बिगाड़ने की पूरी कोशिश कर रहा है, पर हम अपनी दुनिया को बिगड़ने नहीं देंगे।”
बात सच है। कोरोना ने भले ही दुनिया को भारी नुक़सान पहुँचाया हो, पर मनुष्य की मेहनत, सच्चाई, ईमानदारी, प्यार, दोस्ती और रिश्तों तक वायरस नहीं पहुंच सका है। ‘गुलाबी कमीज़’ हमें इसी बिन्दु पर आश्वस्त करता है। यही इस उपन्यास का मानवता को सन्देश है और देश के स्वर्णिम भविष्य का संकेत भी।
– कामना सिंह
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
Reviews
There are no reviews yet.