Hansta Hua Mera Akelapan

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Hansta Hua Mera Akelapan

Hansta Hua Mera Akelapan

550.00 410.00

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550.00 410.00

Author: Prem Bhardwaj

Availability: 5 in stock

Pages: 240

Year: 2020

Binding: Paperback

ISBN: 9789385450167

Language: Hindi

Publisher: Nayeekitab Prakashan

Description

हँसता हुआ मेरा अकेलापन

ज्ञानरंजन की कहानी का बेस या आधार स्थानीयता है। उनके यहां जो अपना शहर बार-बार आता है वही दरअसल कहानीकार की रचनात्मक संवेदना का आधार भी है। इस शहर से कहानीकार को बेहद लगाव है। वह शहर, केवल शहर भर नहीं है बल्कि रचनात्मकता का किला है। जो बर्हिगमन होता है वो उस क्रिएटिविटी से होता है। ये वही शहर है जो क्रिएटिविटी का प्रतीक है, जो मौलिक है जहां आपकी जड़ें हैं। और वो व्यक्ति बहिर्गमन करता है वह असल में साहित्य से बहिर्गमन करता है। जो ज्ञानरंजन ने इसका वर्णन किया है वह लाजवाब है। ज्ञानरंजन का सौंदर्यबोध, चीजों को देखने का नजरिया बेहतरीन है। कहते हैं ‘शहर की न पूछिये वो तो फूल थे वो भी ऐसे जो छूने से टूट जाते हैं। सीझा हुआ सा शहर।’ यह एक उल्लेखनीय बात है। एक जगह ज्ञानरंजन ने किसी लड़की के बारे में लिखा है कि उसके दांत भीगे हुए चावल जैसे थे। क्या खूब है एकदम ताजा और अलग। आशय यह है कि जो बहिर्गमन है वह क्रिएटिविटी से होता है। मुक्तिबोध को याद करो, वे कहते हैं कि जितना मैं जनता को छोड़कर आगे बढ़ता जाता हूं, उतना ही होता जाता हूं-पश्चात पद या पश्चातवर्ती। यह प्रगतिशील नैतिकता का आधार है जिसे वह छोड़ देता है, वह अपने यहां फ्रिज न होने के कारण शर्मिदा है। ज्ञान की एक कहानी ‘अनुभव’ मुझे बहुत पसंद है। इस पर मैंने अपनी किताब में भी विस्तार से लिखा है। इसे मैं असली अनुभव मानता हूं जो एक सर्वहारा को प्रतिष्ठान में होता है। यह प्रतिष्ठान के खिलाफ होने वाला सच्चा अनुभव है। जो सर्वहारा की मुक्ति की ओर ले जाता है। ज्ञानरंजन साठोत्तरी कहानी में हैं लेकिन मैं इससे इन्हें अलग मानता हूं क्योंकि बाकी लेखकों में इनके जैसी तीव्र सामाजिक चेतना नहीं है। जिस समय ‘परिंदे’ कहानी लिखी थी निर्मल वर्मा ने उस समय वे पार्टी मेंबर थे। जिस समय ‘अनुभव’ लिखी ज्ञानरंजन ने वे भी पार्टी में ही थे। लेकिन ‘परिंदे’ कहानी पढ़ कर के निर्मल वर्मा का भविष्य बताया जा सकता है। इसी तरह ‘अनुभव’ पढ़ कर के ज्ञानरंजन के भविष्य का आकलन भी किया जा सकता है।

इसी पुस्तक से…

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

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