Hindi Bhakti Sahitya Mein Samajik Mulya Evam Sahishnutavad

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Hindi Bhakti Sahitya Mein Samajik Mulya Evam Sahishnutavad

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70.00 60.00

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70.00 60.00

Author: Savitri Chandra Shobha

Availability: 5 in stock

Pages: 130

Year: 2014

Binding: Paperback

ISBN: 9788123749983

Language: Hindi

Publisher: National Book Trust

Description

हिन्दी भक्ति साहित्य में सामाजिक मूल्य एवं सहिष्णुतावाद

इस पुस्तक में मुख्य रूप से हिंदी भक्ति और हिंदी लिखित सूफी प्रेमाख्यानों के माध्यम से मध्यकालीन भारत में ‘सामाजिक और उदारतावादी तत्वों को रेखांकित किया गया है। नामदेव और अमीर खुसरो के सहिष्णुतावादी उदगारों के परिप्रेक्ष्य में मुल्ला दाऊद, कबीर, रैदास और सूफी लेखक कुतबन, जायसी और मंझन की कृतियों का विष्लेषण इसी दृष्टिकोण से किया गया है। नानक को भी इसी परिप्रेक्ष्य में देखा गया है। मीरा, सूर, तुलसी की रचनाओं के सामाजिक और सहिष्णुतावादी विचारों के साथ 17वीं -18वीं शती में सगुण-निर्गुण भक्ति, सूफी प्रेमाख्यानों के साथ रीतिकालीन और नीतिपरक काव्यों का विश्लेषण नई-दृष्टि से किया गया है। कवियों के नारी-संबंधी विचारों पर भी नई दृष्टि डाली गई है।

 

अनुक्रम

★       भूमिका

       निर्गुण संत कवि : कबीर, रैदास इत्यादि

       प्रेमाख्यान और सूफी काव्य परंपरा : मुल्ला दाऊद

★       सूफी प्रेमाख्यानक कवि : कुतबन, जायसी तथा मंझन के जीवनवृत्त और धार्मिक विचार

★       सूफी कवियों की कृतियों में सामाजिक मूल्य और जीवन

★       मीरा और सूरदास

★       नानक और दादू

★       तुलसीदास : सामाजिक मूल्य और मानवतावाद

★       सत्रहवीं अठारहवीं सदी में निर्गुण व सगुण भक्ति और सूफी प्रेमाख्यान

★       रीतिकालीन और नीतिकाव्यों में उदार और सहिष्णुतावादी तत्व

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Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2014

Pulisher

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