Hindi Ka Gadhyaparv

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Hindi Ka Gadhyaparv

Hindi Ka Gadhyaparv

695.00 520.00

In stock

695.00 520.00

Author: Namvar Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 291

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126718931

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

हिन्दी का गद्यपर्व

नामवर सिंह न सीमित अर्थों में साहित्यकार थे और न आलोचक। वे हिन्दी में मानवतावादी, लोकतांत्रिक और समाजवादी विचारों की व्यापक स्वीकृति के लिए सतत संघर्षशील प्रगतिशील आन्दोलन के अग्रणी विचारक थे। यह पुस्तक साक्ष्य है नामवर जी के लेखन-जीवन का—एक दस्तावेजी साक्ष्य। इसमें उनका पहला प्रकाशित निबन्ध है और अन्तिम निबन्ध ‘द्वा सुपर्णा…’ और ‘पुनर्नवता की प्रतिमूर्ति’ भी। पूर्व प्रकाशित ख्यातिनाम और लोकप्रिय पुस्तकों के बावजूद इस तरह की पुस्तक का विशेष महत्त्व इसलिए भी है कि इस एक अकेली पुस्तक में नामवर जी की विकास-यात्रा के प्रायः सभी पड़ावों की झलक मौजूद है।

निबन्धों के लेखन काल की ही तरह उनके विषय भी विस्तृत क्षेत्र में फैले हैं। परन्तु इस पुस्तक के केन्द्र में है—आलोचना। वैश्विक पृष्ठभूमि वाले आलोचकों जॉर्ज लूकाच, लूसिएँ गोल्डमान और रेमंड विलियम्स से लेकर भारतीय परम्परा को पुनर्नवा करने वाले गौरव नक्षत्रों—आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी और डॉ. रामविलास शर्मा पर लिखे गए निबन्ध यहाँ एक साथ मौजूद हैं। दीर्घ सक्रियता की अवधि में नामवर जी ने पुस्तक समीक्षाएँ प्राय: नहीं लिखीं। इस पुस्तक में अलग-अलग अवसरों पर लिखी गई पाँच समीक्षाएँ भी मौजूद हैं।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

Language

Hindi

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