Hindi Ramkavya Ka Swaroop Aur Vikas

-10%

Hindi Ramkavya Ka Swaroop Aur Vikas

Hindi Ramkavya Ka Swaroop Aur Vikas

2,000.00 1,800.00

In stock

2,000.00 1,800.00

Author: Premchandra Maheshwari

Availability: 5 in stock

Pages: 368

Year: 2024

Binding: Hardbound

ISBN: 9789357759304

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

हिन्दी रामकाव्य का स्वरूप और विकास

हिन्दी रामकाव्य का स्वरूप और विकास ग्रन्थ रामकाव्य की अद्यतन काव्यधारा को भारतीय मनीषा और इसकी बृहत्तर संस्कृति की स्वीकृत परम्पराओं को युगीन सन्दर्भों के अनेक स्तरों पर पुनर्व्याख्यायित ही नहीं करता-भारत की बाह्य-मुखी विविधता के मूल में निहित अजस्रता एवं अखण्डता को भी आलोकित करता है।

हिन्दी रामकाव्य का स्वरूप और विकास में मानस एवं प्रकृति के अनन्य पारस्परिक सम्बन्धों के विवेचन एवं विनियोजन-क्रम में तथ्यों के पुनराख्यान तथा नवीनीकरण को सर्वाधिक महत्त्व मिला है। समर्पित निष्ठा, संश्लेषणात्मक बुद्धि, विचक्षण विश्लेषण क्षमता एवं निष्कर्ष विवेक के कारण यह शोध-प्रबन्ध अपने प्रारूप में एक क्षमसिद्ध तथा कोशशास्त्रीय सन्दर्भ ग्रन्थ बन गया है। इसे अनायास ही, फादर कामिल बुल्के की प्रतिमानक कार्य-परम्परा से जोड़ कर देखा जा सकता है।

प्रस्तुत शोध-प्रबन्ध लेखक के सारस्वत श्रम का ही नहीं, उसकी संवेदनशीलता और गहन भाव-प्रवणता का साक्षी भी है। इसमें कारिका की कोरी शुष्कता नहीं, लालित्यपूर्ण विदग्धता है और रोचकता भी। लेखक ने अपनी आस्था को भी भास्वर स्वर दिया है।

हर दृष्टि से एक अपरिहार्य, अभिनव एवं संग्रहणीय कृति।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Hindi Ramkavya Ka Swaroop Aur Vikas”

You've just added this product to the cart: