Hindi Sahitya Ka Vaigyanik Ithas : Vols. 1-2

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Hindi Sahitya Ka Vaigyanik Ithas : Vols. 1-2

Hindi Sahitya Ka Vaigyanik Ithas : Vols. 1-2

590.00 530.00

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590.00 530.00

Author: Ganpati Chandra gupt

Availability: 5 in stock

Pages: 1008

Year: 2024

Binding: Text

ISBN: 9789352210367

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

हिन्दी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास : भाग-1-2

हिन्दी-साहित्य के इतिहास-लेखन की दीर्घ-परम्परा में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का कार्य उसका वह मध्यवर्ती प्रकाश-स्तम्भ है, जिसके समक्ष सभी पूर्ववर्ती प्रयास आभा-शून्य प्रतीत होते हैं। इस समय तक हिन्दी-साहित्य के इतिहास का जो ढाँचा, रूप-रेखा, काल-विभाजन एवं वर्गीकरण प्रचलित है, वह बहुत कुछ आचार्य शुक्ल के द्वारा ही प्रस्तुत एवं प्रतिष्ठित है।

इतिहास-लेखन के अनन्तर हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में प्रर्याप्त अनुसंधान-कार्य हुआ है जिससे नयी सामग्री, नये तथ्य और नये निष्कर्ष प्रकाश में आये हैं जो आचार्य शुक्ल के वर्गीकरण-विश्लेषण आदि के सर्वथा प्रतिकूल पड़ते हैं। आचार्य शुक्ल एवं उनके अनुयायी वीरगाथा काल, भक्तिकाल एवं रीतिकाल-तीन अलग-अलग काल कहते हैं, वे एक ही काल के साथ-साथ बहनें वाली तीन धारायें हैं। इतिहास का सम्बन्ध अतीत की व्याख्या से है तथा प्रत्येक व्याख्या के मूल में व्याख्याता का दृष्टिकोण अनुस्युत रहता है।

प्रस्तुत इतिहास में प्रयुक्त दृष्टिकोण को ‘‘वैज्ञानिक दृष्टिकोण’’ की संज्ञा दी जा सकती है। इन दृष्टिकोण के अनुसार किसी पुष्ट सिद्धान्त या प्रतिष्ठित नियम के आधार पर वस्तु की तथ्यपरक, सर्वांगीण एवं बौद्धिक व्याख्या सुस्पष्ट शैली में प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता है। अस्तु, दृष्टिकोण, आधारभूत सिद्धान्त, काल-विभाजन, नयी परम्पराओं के उद्‌घाटन तथा उर्जा-स्रोतों व प्रवृत्तियों की व्याख्या की दृष्टि से इस इतिहास में शताधिक नये निष्कर्ष प्रस्तुत हुए हैं।

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Language

Hindi

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Publishing Year

2024

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