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Description
हिन्दुत्व की यात्रा
निवेदन
‘हिन्दुत्व की यात्रा’ नाम से ही पुस्तक का प्रतिपाद्य विषय स्पष्ट हो जाता है। प्रस्तुत पुस्तक द्वारा विद्वान लेखक ने आदिकाल से आरम्भ कर अब तक के आर्य-हिन्दू की जीवन मीमांसा का विशद वर्णन किया है। न केवल इतना, अपितु उन्होंने तथाकथित पाश्चात्य पण्डितों ने भारतीय मानस-पुत्रों, उनकी धारणाओं एवं मान्यताओं का निवारण एवं निराकरण भी किया है जो आर्य-हिन्दू को यहां का मूल निवासी नहीं मानते।
उन विकृत इतिहासकारों को भी इस पुस्तक में दो टूक उत्तर देने का प्रयास किया गया है जो आर्यों के प्राचीन ऐतिह्य की न केवल अनदेखी करते हैं, अपितु उसका उपहास भी करते रहे हैं।
लेखक की युक्तियुक्त मान्यता है कि हिन्दुत्व की यात्रा में आज सबसे बड़ी बाधा मैकाले द्वारा चलाई गई शिक्षा, जिसने प्रायः सभी को दिग्भ्रमित कर दिया है। यहां तक कि हिन्दू संगठन का कार्य करने के लिए कटिबद्ध भी, उसी शिक्षा की उपज होने से, हिन्दू विरोधी रूख अपनाने में लीन हैं।
विशेषतया ऐसे ही लोगों के मस्तिष्क को झकझोरने के लिए लेखक ने इस विषय पर कलम उठाई है।
आशा है हमारे पाठक तथा हिन्दुत्व प्रेमी इससे प्रेरणा प्राप्त कर सकेंगे।
– अशोक कौशिक
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2002 |
Pulisher |
Reviews
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