Is Umra Mein
Is Umra Mein
₹200.00 ₹150.00
₹200.00 ₹150.00
Author: Shrilal Shukla
Pages: 142
Year: 2004
Binding: Hardbound
ISBN: 9788126708048
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Description
इस उम्र में
हिन्दी साहित्य के शिखर रचनाकार श्रीलाल शुक्ल की नई कहानियों का संग्रह है ‘इस उम्र में’। यह एक अप्रतिम लेखक के अपने सामाजिक यथार्थ पर अचूक पकड़ और उसे बयान करने की उसकी अद्भुत कला का साक्ष्य है। इसकी कहानियाँ हिन्दी कहानी की रुढ़ियों, फार्मूलों, रवायतों से दूर खड़ी हैं और रचना के संसार में नई निर्मितयाँ तैयार कर रही हैं।
‘इस उम्र में’ की कहानियाँ तीक्ष्ण अन्वीक्षण क्षमता से सम्पवन्य होकर भारतीय समाज की गहन मीमांसा करती हैं। इनमें मौजूदा समयमें प्रकट हो रहे नये बदलावों की संवेदनात्मक आहटें हैं। यहाँ तक कि कई समसामयिक घटनाएँ, प्रवृत्तियाँ और रुझान भी दर्ज हैं। न केवल इतना, श्रीलाल शुक्ल ने सामाजिक संरचना में तेजी से उभर रही नई शक्तियों के प्रतिशोध और परिवर्तन को भी पहचान कर उसे प्रकट किया है।
‘इस उम्र में’ की कहानियों में कई बार पुरानी वास्विकता को नई जीवन दृष्टि से उलट-पुलट दिया जाता है तो कई बार नई पीड़ाओं, दुखों और क्रूरताओं को पुरानी धारणाओं के प्रहसनात्मक विखंडन के जरिए उजागर किया गया है। श्रीलाल शुक्ल यहाँ अभिव्यक्ति के नये-पुराने रुपों में ऐसी बेमुरौव्वत तोड़-फोड़ करते हैं, फिर उनका ऐसा अजीव मिलाप कराते हैं कि समाज का चेहरा उजागर हो जाता है और हिन्दी का चेहरा बदल जाता है।
ये कहानियाँ अपनी कतहन शैली के लिए भी लम्बे समय तक याद की जाएँगी। वातावरण तथा चरित्रों की जैसी सघन पड़ताल और बात कहने के लिए जैसी तिर्यक भाषा ‘इस उम्र में’ की रचनाओं में सतत मौजूद है, वह हिन्दी कहानी में विरल है।
‘इस उम्र में’ की कहानियाँ सुविख्यात कथाशिल्पी श्रीलाल शुक्ल की अनेक कृतियों की तरह गहरी हलचल पैदा करने की सामर्थ्य रखती हैं। वे इस बात का सुराग भी देती हैं कि क्यों श्रीलाल शुक्ल की रचनाओं के प्रति लोगों में हमेशा एक उत्सुकता, इज्ज्त और अधीर प्रतीक्षा बनी रहती है।
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Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2004 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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