Jayashankar Prasad : Mahanta Ke Aayam

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Jayashankar Prasad : Mahanta Ke Aayam

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1,495.00 1,125.00

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Author: Karunashankar Upadhyay

Availability: 5 in stock

Pages: 463

Year: 2022

Binding: Hardbound

ISBN: 9789391950682

Language: Hindi

Publisher: Radhakrishna Prakashan

Description

जयशंकर प्रसाद : महानता के आयाम

जयशंकर प्रसाद के रचनात्मक लेखन में भारतीय वाङ्मय की सम्पूर्ण प्रतिभा बोलती है जो भारतीय जन को बड़े स्वप्न देखने और उन्हें सत्य साकार करने के लिए प्रेरित करती है। वे अपने जीवन-दर्शन और जीवन-स्वप्न का प्रमाणीकरण करने वाले कलाकार हैं। उनके विराट एवं बहुआयामी व्यक्तित्व में जो आत्मप्रसार और आत्मपरिष्कार का भाव है वह भारत तथा हिन्दी जाति का समवेत सांस्कृतिक अवचेतन है।

अपने समन्वयात्मक चिन्तन के माध्यम से प्रसाद ने कविता में आत्मज्ञान एवं आन्तरिक संगति के माध्यम से मानव-जीवन में आनन्दवाद की प्राण-प्रतिष्ठा की। उन्होंने जिस कौशल के साथ आत्म-वेदना को विश्व-वेदना में रूपान्तरित किया, वह अपनी संवेदना को सांस्कृतिक धरातल एवं इतिहास-बोध द्वारा सर्जनात्मक सार्थकता प्रदान करने का एक महत्त्वाकांक्षी प्रयास है।

प्रसाद का सम्पूर्ण लेखन साहित्य, संगीत और कला की एकता का उज्ज्वलतम विग्रह है। उनका कृतित्व मानव जाति को सत्य, शिव और सौन्दर्य के समन्वय द्वारा पूर्ण सत्य, उदात्त प्रेम, अनन्त रमणीय सौन्दर्य और अखंड आनन्द तक ले जाता है। वे बड़ी चिन्ता के रचनाकार हैं और उनके चिन्तन के केन्द्र में भारतीय अस्मिता-बोध और विश्व-मनुष्यता का मंगल है। इसके लिए वे भारत-बोध का एक अभिनव प्रतिमान निर्मित करते हैं, साथ ही विश्वजीवन तथा सभ्यता के प्रति अतिशय गहन विमर्श प्रस्तुत करते हैं। इसीलिए उनके साहित्य को सम्पूर्णता में समझना और उसकी सम्यक् व्याख्या करना अपेक्षाकृत कठिन रहा है।

इस ग्रन्थ में विद्वान लेखक ने अन्तर्दृष्टि और विश्व-संदृष्टि के बल पर भारत-बोध को आत्मसात् करके उनके कृतित्व से आन्तरिक संलग्नता स्थापित करते हुए उसके वस्तुनिष्ठ विश्लेषण का गहन प्रयास किया है। इसमें गीता के अठारह अध्यायों की तरह महाकवि जयशंकर प्रसाद की महानता के अठारह प्रतिमान निर्मित किए गए हैं जिनके आधार पर विश्व के महत्तम कलाकारों की रचनात्मकता का विश्लेषण भी सहज संभाव्य है। प्रसाद के जीवन और व्यक्तित्व के अनछुए सन्दर्भों को भी इसमें देखा जा सकता है।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Publishing Year

2022

Pages

Pulisher

2 reviews for Jayashankar Prasad : Mahanta Ke Aayam

  1. 5 out of 5

    मंजू उपाध्याय

    जयशंकर प्रसाद को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित करने वाला अद्वितीय आलोचना ग्रंथ।

  2. 5 out of 5

    मंजू उपाध्याय

    विगत अस्सी वर्षों में इस स्तर का दूसरा आलोचना ग्रंथ नहीं आया है। यह अप्रतिम है।


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