Jharkhand Ka Mahila Kavita Parivesh
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Description
झारखंड का महिला कविता परिवेश
इस समय झारखंड में हिंदी साहित्य की चार रचना-पीढ़ियाँ क्रियाशील हैं। उन सबके प्राथमिक परिचय के ब्यौरे एवं रचनाएँ पुस्तकों-पत्रिकाओं में जहाँ-तहाँ सुलभ हैं, लेकिन एक पुस्तक में झारखंड के महिला रचनाकारों की रचनात्मकता को केंद्रित करने का यह एक प्रयास किया गया है जिससे कि झारखंड के स्त्री कविकर्म, रचनाकारों के रुझानों, उनकी दिशाओं, विलक्षणताओं और उपलब्धियों को प्रतिनिधि रूप में रेखांकित किया जा सके।
प्रसिद्ध साहित्यसेवी जगदीश त्रिगुणायत ने चार दशक पूर्व लिखा था-प्राकृतिक सौंदर्य, नृत्य, संगीत के साथ-साथ कविता का परिवेश भी इस भूमि पर रचा जा रहा है और कवयित्रियों की तेजी से उभरती जमात को देख कर आश्वस्तिपूर्वक यह कहा जा सकता है कि इन रचनाकारों की प्रतिभा राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित होने योग्य है। झारखंड की देशज पहचान यहाँ की कविताओं में मुखरित है और झारखंड की रचनाशीलता मानवीय मूल्यों के नए आयाम ढूँढ़ती निरंतर अग्रसर है। मानवीय पीड़ा की कोख से कविता की निर्झरिणी प्रवाहित होती है। इस शब्द-वैभव के विस्तार की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। इस संकलन में ऐसी अनेक कवयित्रियाँ हैं जिनके अनुभवों का संसार अत्यंत विस्तृत है और घर आँगन के साथ-साथ देश के राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक परिवेश को रचनाओं का विषय बनाने का बीड़ा इन्होंने उठाया है। विश्वास है कि साहित्य अकादेमी का ग्रंथ-संसार इस काव्य-संकलन के माध्यम से और समृद्ध होगा।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Language | Hindi |
Publishing Year | 2021 |
Pulisher |
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