Jungle Jahan Shuru Hota Hai

-25%

Jungle Jahan Shuru Hota Hai

Jungle Jahan Shuru Hota Hai

399.00 299.00

In stock

399.00 299.00

Author: Sanjeev

Availability: 5 in stock

Pages: 287

Year: 2019

Binding: Paperback

ISBN: 9788183613712

Language: Hindi

Publisher: Radhakrishna Prakashan

Description

जंगल जहाँ शुरू होता है

पिछले कुछ वर्षों में हिन्दी लेखकों ने बहुधा अनछुए, परित्यक्त और वर्जित क्षेत्रों की यात्राएँ की हैं – जनजातियाँ, कोयला खदान, समुद्र, अन्तरिक्ष, तकनॉलॉजी और वे तमाम क्षेत्र जहाँ जिन्दगी साँस लेती है। नए साज और नए अन्दाज से नए-नए दिगंतों की अर्गलाएँ खोलने के इसी क्रम में इस बार प्रस्तुत है हिन्दी के सुपरिचित कथाकार संजीव का ताजा उपन्यास जंगल जहाँ शुरू होता है। जंगल यहाँ अपने विविध रूपों और अर्थ-छवियों के साथ केलेडेस्कोपिक अन्दाज में खुलता और खिलता है – थारू जनजाति, सामान्य जन, डाकू, पुलिस और प्रशासन, राजनीति, धर्म, समाज और व्यक्ति…और सबके पीछे से, सबके अन्दर से झाँकता, झहराता जंगल और जंगल को जीतने का दुर्निवार संकल्प।

उपन्यास के केन्द्र में है ‘मिनी चम्बल’ के नाम से जाना जाने वाला पश्चिमी चम्पारण, जहाँ अपराध पहाड़ की तरह नंगा खड़ा है, जंगल की तरह फैला हुआ है, नदियों में दूर-दूर तक बह रहा है, इतिहास के रंध्रों से हवा में घुल रहा है, भूगोल की भूल-भुलैया में डोल रहा है। जनजातियों और जंगली जीवों के बिन्दु से शुरू होकर यह जंगल फैलता ही चला गया है – पटना, लखनऊ, दिल्ली, नेपाल और देश-देशान्तर तक। उपन्यासकार ने बारह वर्षों के निरन्तर श्रमसाध्य शोध से जो अरण्यगाथा पेश की है, वह सर्वथा नई है – जितनी मनोरम, उतनी ही भयावह, और जुगुप्साकारी भी।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

Language

Hindi

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Jungle Jahan Shuru Hota Hai”

You've just added this product to the cart: