Kaare Jahan Daraaz Hai (4 Volume Set)

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Kaare Jahan Daraaz Hai (4 Volume Set)

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2,596.00 2,100.00

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Author: Qurratul Ain Haider

Availability: 4 in stock

Pages: 1865

Year: 2020

Binding: Paperback

ISBN: 9789389012491

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

कारे जहाँ दराज़ है (4 खण्डों में)

क़ुर्रतुलऐन हैदर, ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे। बीसवीं सदी में प्रेमचन्द की विरासत के बाद कोई कथाकार ऐसा नहीं हुआ जैसी क़ुर्रतुलऐन हैदर। वह सही मायनों में एक जादूगर थीं। बहुत छोटी उम्र में उन्होंने लिखना शुरू कर दिया था। फिर बँटवारे के बाद मजबूरी में उन्हें कराची जाना पड़ा, लेकिन जल्द ही वह लन्दन चली गयीं, जहाँ बी.बी.सी. में काम करती रहीं। वापस आने पर उन्होंने आग का दरिया जैसा बहुमूल्य उपन्यास लिखा, जिसने उर्दू उपन्यास की दुनिया ही को बदल डाला। उनकी कहानियों के संग्रह पतझड़ की आवाज़ पर साहित्य अकादेमी ने उन्हें अपना साहित्य अकादेमी पुरस्कार दिया और बाद में फेलोशिप भी प्रदान की गयी। आख़िर-ए शब के हमसफ़र पर उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। वह पद्मश्री और पद्मभूषण से अलंकृत थीं।

उनकी कृतियों में कारे जहाँ दराज़ है एक ख़ास तरह की किताब है जो जितना ही उनके ख़ानदान और पुरखों की गाथा है उतना ही वह एक अद्भुत उपन्यास है। गोया यह चारों खण्ड फ़ैक्ट और फ़िक्शन का अजीबोग़रीब मेल है। ऐसी कोई पुस्तक उर्दू में नहीं लिखी गयी। उनकी लेखनी में बला की शिद्दत और शक्ति थी। स्ट्रीम ऑफ़ कॉन्शसनेस में लिखने का उनका अपना अलग स्टाइल था। उनके कथा-साहित्य में भारत की रंगारंग तहज़ीब का दिल धड़कता हुआ नज़र आता है। हमारा स्वतन्त्रता संग्राम क्या था और हम कैसे आज़ादी की कगार तक पहुँचे और कैसे अपने ही खंजर से हमने अपनी तहज़ीब का ख़ून किया, इस सब तहज़ीबी विरासत के दर्द को अगर नयी नस्लों को समझना हो तो हर पाठक के लिए क़ुर्रतुलऐन हैदर को पढ़ना बहुत ज़रूरी है।

– गोपी चन्द नारंग

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Paperback

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Language

Hindi

Publishing Year

2020

Pulisher

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