Kahani Ke Sath Sath
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Description
कहानी के साथ साथ
हिन्दी के मौज़ूदा वरिष्ठतम आस्वादवादी आलोचकों में से एक डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी की कहानी पर यह अगली पुस्तक कई अर्थों में महत्त्वपूर्ण सिद्ध हो सकती है। त्रिपाठी जी पहले भी ‘कुछ कहानियाँ: कुछ विचार’ कहानी पर दे चुके हैं, जिसने विज्ञजनों का ध्यान आकर्षित किया था। त्रिपाठी जी का यह स्पष्ट मानना है कि ‘सामाजिक, ऐतिहासिक, आर्थिक स्थितियों का रचना पर प्रभाव पड़ता है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2016 |
Pulisher |
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