Kasturi Kundal Basei

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Kasturi Kundal Basei

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399.00 299.00

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Author: Maitriye Pushpa

Availability: 5 in stock

Pages: 332

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9788126715688

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

कस्तूरी कुण्डल बसै

हर आत्मकथा एक उपन्यास है और हर उपन्यास एक आत्मकथा। दोनों के बीच सामान्य सूत्र ‘फिक्शन’ है। इसी का सहारा लेकर दोनों अपने को अपने आप की कैद से निकलकर दूसरे के रूप में सामने खड़ा कर लेते हैं। यानी दोनों ही कहीं-न-कहीं सर्जनात्मक कथा-गढ़न्त हैं। इधर उपन्यास की निर्वैयक्तिकता और आत्मकथा की वैयक्तिकता मिलकर उपन्यासों का नया शिल्प रच रही हैं। आत्मकथाएँ व्यक्ति की स्फुटित चेतना का जायजा होती हैं, जबकि उपन्यास व्यवस्था से मुक्ति-संघर्ष की व्यक्तिगत कथाएँ।
आत्मकथा पाए हुए विचार की या ‘सत्य के प्रयोग’ की सूची है और उपन्यास विचार का विस्तार और अन्वेषण। जो तत्त्व किसी आत्मकथा को श्रेष्ठ बनाता है वह है उन अन्तरंग और लगभग अनछुए अकथनीय प्रसंगों का अन्वेषण और स्वीकृति जो व्यक्ति की कहानी को विश्वसनीय और आत्मीय बनाते हैं। हिन्दी में जो गिनी-चुनी आत्मकथाएँ हैं, उनमें एक-आध को छोड़ दें तो ऐसी कोई नहीं है जिसकी तुलना मराठी या उर्दू की आत्मकथाओं से भी की जा सके। इन्हें पढ़ते हुए कबीर की उक्ति ‘सीस उतारै भूंई धरै’ की याद आती है।

यह साहसिक तत्त्व कस्तूरी कुंडल बसै में पहली बार दिखाई देता है। ‘चाक’, ‘इदन्नमम’ और ‘अल्मा कबूतरी’ जैसे उपन्यासों की बहुपठित लेखिका मैत्रेयी पुष्पा की इस औपन्यासिक आत्मकथा के कुछ अंश यत्र-तत्र प्रकाशित होकर पहले ही खासे चर्चित हो चुके हैं; अब पुस्तक रूप में यह सम्पूर्ण कृति निश्चय ही हिन्दी के आत्मकथात्मक लेखन को एक नई दिशा और तेवर देगी।

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Paperback

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Publishing Year

2023

Pulisher

Language

Hindi

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