Kathputaliyan
Kathputaliyan
₹120.00 ₹119.00
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Author: Manisha Kulashreshta
Pages: 142
Year: 2010
Binding: Hardbound
ISBN: 9788126318889
Language: Hindi
Publisher: Bhartiya Jnanpith
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Description
कठपुतलियाँ
‘कठपुतलियाँ’ युवा कथाकार मनीषा कुलश्रेष्ठ का दूसरा कहानी-संग्रह है। पहले कहानी-संग्रह ‘बौनी होती परछाईं’ के बाद मनीषा ऐसी युवा प्रतिभा के रूप में चर्चित हुईं जिनके पास कथ्य और कहन की निजी सम्पदा है। इस विश्वास को ‘कठपुतलियाँ’ संग्रह और अधिक सम्पुष्ट करता है। मनीषा की ये कहानियाँ जीवन को उसकी विभिन्न रचनाओं के साथ अनेक कोणों से पकड़ती हैं। भाषा में गहरी पैठ और संवेदना के महीन तानों-बानों से गुँथी-बुनी ये रचनाएँ पाठक को अपने साथ धीरे-धीरे एक ऐसे अनुभव-जगत में ले चलती हैं, जहाँ उसकी चेतना की परिधि पर प्रेम, स्वप्न, लोकरंग और द्वन्द्व निरन्तर अपनी पूरी गत्यात्मकता के साथ उपस्थित रहते हैं। इन कहानियों में सूक्ष्म स्तर पर जहाँ सांस्कृतिक भूगोल की छवियाँ नज़र आती हैं, वहीं इस दौर के सांस्कृतिक समीकरणों में हो रही उथल-पुथल भी गोचर होती है।
विगत कुछ वर्षों में अछूते विषयों को उठाते हुए मनीषा ने अपनी कहानियों की धार से पाठकों को चौंकाने के साथ आश्वस्त भी किया है। उनकी इन कहानियों में परम्परा और आधुनिकता की सक्षम सम्पृक्ति है। प्रस्तुत संग्रह की कहानी ‘कठपुतलियाँ’ का यह वाक्य इस संग्रह पर सटीक उतरता है – ‘कुछ मौलिक, कुछ अलग-जो जीवन को विस्तार दे।’
अनुक्रम
- कठपुतलियाँ
- प्रेत-कामना
- रंग-रूप-रस-गन्ध
- भगोड़ा
- परिभ्रान्ति
- अवक्षेप
- कुरजाँ
- बिगड़ैल बच्चे
- स्वाँग
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2010 |
Pulisher |
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