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Kaun Thagwa Nagariyal Lootal Ho
₹299.00 ₹239.00
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Author: Malti Joshi
Pages: 128
Year: 2019
Binding: Hardbound
ISBN: 9789389563160
Language: Hindi
Publisher: Vani Prakashan
कौन ठगवा नागरिया लूटल हो
कथा साहित्य जगत में मालती जोशी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। देश और विदेश में फैले लाखों प्रशंसक मालती जी की कहानियों का न सिर्फ़ आस्वाद ग्रहण करते हैं बल्कि उन कहानियों के साथ अपनी ज़िन्दगी का ताना-बाना भी बुनते हैं। एकदम घरेलू और सहज होने के बाद भी मालती जी की कहानियाँ बहुत बड़ा सामाजिक सन्देश देती हैं। ये कहानियाँ संस्कारों का भण्डार हैं और परम्पराओं की ध्वजवाहक हैं। भारतीय परम्परा और संस्कृति का संरक्षण अथवा नारी स्वतन्त्रता जैसे नारों का प्रयोग किये बिना मालती जी की कहानियाँ साहित्य, भारतीय पारिवारिक परम्परा, संस्कार एवं मातृशक्ति के सम्मान का अनूठा दर्शन कराती हैं।
भारतीय कुटुम्ब की अवधारणा का सही सन्देश मालती जी की कहानियों में दृष्टिगोचर होता है। इसलिए मालती जी की कहानियाँ अवसरजन्य नहीं हैं। वे हर समय, कालखण्ड और स्थान के लिए प्रासंगिक हैं। विगत छह दशकों से भी अधिक समय से लेखन कर रहीं मालती जोशी के प्रशंसकों में निरन्तर वृद्धि ही हुई है।
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Binding | Hardbound |
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Language | Hindi |
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Publishing Year | 2019 |
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मालती जोशी
जन्म : औरंगाबाद (पूर्व हैदराबाद राज्य) में 04 जून, 1934 को महाराष्ट्रीयन परिवार में।
शिक्षा : एम.ए. हिन्दी होल्कर कॉलेज इन्दौर से (आगरा विश्वविद्यालय, 1956)।
प्रकाशित साहित्य : हिन्दी की लगभग सभी लब्ध प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियाँ एवं लघु उपन्यास विगत साठ वर्ष से अधिक समय से लेखन। पचास पुस्तकें हिन्दी में प्रकाशित, जिसमें उपन्यास एवं विविध कथा संग्रह शामिल हैं। इसके अलावा ग्यारह मराठी कथा संग्रह प्रकाशित। एक कविता संग्रह भी प्रकाशित है।
अनुवाद : देश की सभी प्रमुख पत्रिकाओं ने मालती जी का साहित्य सम्मानपूर्वक प्रकाशित किया है। हिन्दी की भाँति मालती जी का मराठी भाषा पर भी अधिकार है और वे स्वयं अपनी कहानियों का मराठी में रूपान्तरण करती हैं।
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