- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
कवियों का विज्ञान संसार
भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों, लेखकों और कवियों ने अपने लेख, कहानी व कविताओं के माध्यम से विज्ञान को साधारण जनमानस तक पहुँचाने का अविस्मरणीय कार्य किया है। इस महत्वपूर्ण कार्य में अपना योगदान देने वाले बांग्ला भाषा के दो महान साहित्यकार भी थे, जिन्होंने अपनी साहित्यिक शक्ति का उपयोग विज्ञान के जटिल सिद्धांतों की व्याख्या करने में किया था। ये दो प्रख्यात कवि हैं – बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय और रवींद्रनाथ टैगोर। बंकिम चंद्र ने ‘विज्ञान रहस्य’ नामक निबंध-संग्रह में भौतिकी, रसायन एवं जीवविज्ञान के मूलभूत नियमों को बहुत ही सरल और बेहतर तरीके से समझाया था। गुरुदेव टैगोर ने भी ‘विश्व परिचय’ नामक निबंध-संग्रह में मानव सभ्यता को संचालित करने वाले वैज्ञानिक नियमों पर अद्वितीय दृष्टिकोण प्रदर्शित किया था। विज्ञान के प्रति इन दोनों महान कवियों की विलक्षण दृष्टि क्या कहती है, पुस्तक में इसका परिचय मिलता है।
प्रस्तुत पुस्तक में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के नौ निबंध और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पाँच निबंधों के साथ सत्येंद्र नाथ बोस को संबोधित पत्र भी संगृहीत है। बंकिम चंद्र के निबंधों में सौर महा-विस्फोट, आकाश में कितने तारे हैं, धूल का रहस्य, हवाई यात्रा की कहानी, मनुष्य की प्राचीनता, आदि पर प्रकाश डाला है। गुरुदेव टैगोर ने अपने निबंधों में परमाणु-लोक, नक्षत्रलोक, सौर जगत, गृह लोक और भू-लोक के बारे में चर्चा की है।
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
Reviews
There are no reviews yet.