Khajuraho Ki Murtikala Ke Sondaryatmak Tatva

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Khajuraho Ki Murtikala Ke Sondaryatmak Tatva

Khajuraho Ki Murtikala Ke Sondaryatmak Tatva

400.00 350.00

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Author: Sharad Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 253

Year: 2006

Binding: Hardbound

ISBN: 8171244947

Language: Hindi

Publisher: Vishwavidyalaya Prakashan

Description

खुजराहो के मन्दिर और मूर्तियाँ भारत की सांस्कृतिक निधि है। धर्म, कला, सौन्दर्य, संगीत सभी का अद्भुत समन्वय है। अपार्थिव सौन्दर्य के सम्मोहन में पार्थिव प्रेम का विभ्रम है। मानव जीवन के समस्त उल्लासमय क्षणों का विविध रीतियों से विकिरण, समस्त कलात्मक व्यापार का शिव में केन्द्रीयकरण ऐन्द्रिय रसानुभूति की पारमार्थिक आनन्द की अवस्था यह खजुराहो का मर्म है। कन्दरिया महादेव का मन्दिर ईश्वर को प्राप्त करने वाली साधना का विग्रह है। अद्भुत रचना सौष्ठव है। ढोल, सूर्य, वेणु आदि विभिन्न वाद्यों के अतिरिक्त विविध नृत्यों का साकार आलेख है। वादकों और नर्तकी के मुख की भंगिमाओं में जो सूक्ष्म भावाच्छटाएँ दीखती हैं, उनमें अद्भुत वैचित्र्य है। प्रत्येक प्रतिमा में अलग-अलग सौन्दर्य है।

कला में सौन्दर्य का भाव, कला के तत्त्व, विभिन्न ग्रन्थों में वर्णित विविध कलाओं, सौन्दर्य और सौन्दर्यशास्त्र की अवधारणा तथा मूर्तिकला में सौन्दर्य तत्त्व का समकालीन साहित्य के आधार पर विवेचन इस पुस्तक का कथ्य है।

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Hardbound

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Language

Hindi

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Publishing Year

2006

Pulisher

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