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Description
खामोशी के आंचल में
‘सदियों की एक गाथा है खामोशी के आंचल में, कभी डूबती उतराती सी दिखती है कुछ अक्षरों के जल में’…बात उनकी है-जिन्होंने ज़िन्दगी की कड़ी धूप में चलते हुए, अपने ही अक्षरों की छाया में बैठकर उस कड़ी धूप को झेल लिया। इस संकलन में कुछ ऐतिहासिक दस्तावेज़, कुछ खामोशी के दस्तावेज़, और कुछ उनकी बात भी है जो इस काल में संघर्ष की एक लम्बी यात्रा पर चल दी हैं..
मशहूर कवयित्री और लेखिका अमृता प्रीतम (1919-2005) ने पंजाबी और हिन्दी में बहुत साहित्य-सृजन किया, जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher |
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