Kharpatwar

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Kharpatwar

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325.00 250.00

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Author: Poonam Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 116

Year: 2023

Binding: Hardbound

ISBN: 9789393486325

Language: Hindi

Publisher: Kitabghar Prakashan

Description

खरपतवार

पूनम सिंह का नाम उन महिला कथाकारों की सूची में शामिल है, जिन्होंने समकालीन कहानी के परिदृश्य में अपनी रचनाशीलता से एक पृथव्फ़ पहचान दर्ज की है। आज हिदी कहानी में पुरुष वर्चस्व वाले समाज के प्रति स्त्रियों के विरोध को बहुत मुखरता से दर्ज किया जा रहा है। 14वीं सदी का जाति, स्त्री, दलित, धर्म का सामंती भूत आज 21वीं सदी में भी हमारे सोच और संवेदना को जकड़े बैठा है, जिसके कारण स्त्रियों और दलितों का जीवन बेहद दुष्कर हो गया है। पूनम सिंह की कहानियों के बीज 21वीं सदी के इसी क्रूर सामंती सोच में तलाशे जा सकते हैं।

इस संग्रह की शीर्षक कहानी ‘खरपतवार’ बड़े और व्यापक संदर्भों वाली कहानी है, जो सामंती परिवेश के उत्पीड़न की कई अंतर्कथाओं को संगुफित किए सामंती परिवेश के प्रति प्रतिरोध की एक सशत्तफ़ आधार भूमि तैयार करती है। प्रतिरोध की आधारभूमि का एक और रूप ‘एक डायरी के कुछ बेतरतीब पन्ने’ कहानी में भी देखने को मिलता है। यह कहानी परिवार के भीतर बनते रेगिस्तान की चिंता से हमें जोड़ती हुई यह बताती है कि परिवार की दरारों की लीपापोती करना अब संभव नहीं। इस संग्रह की कई कहानियाँ यह संकेत करती हैं कि ‘भारतीय समाज जड़ संस्कृति से नहीं, हठीली और गर्वीली स्त्री से बदलेगा।’

पूनम सिंह विविधता की रचनाकार हैं। ‘धुआँ है न शोला’, ‘कबीर’ जैसी कहानियाँ एक ओर जहाँ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, सांप्रदायिकता, जेंडर इक्वॉलिटी जैसे सवालों से जूझती हैं, वहीं दूसरी ओर ‘चंपारण वाली गाढ़ी चाय’, ‘बोलिए ना पापा कुछ तो बोलिए’ जैसी कहानियाँ पीढ़ियों के अंतराल को बहुत संजीदगी से हमारे सामने लाती हैं। कोरोनाकाल में हुई भयावह तबाही और हिदू-मुस्लिम संबंधों को लेकर फैलाए गए ज़हर के बीच ‘गर्दिश का सितारा’ पाठक के मन में करुणा का संचार करती है, वहीं ‘मोनालिसा’ स्त्री के वजूद को एक मूल्य के रूप में रखती है।

इन कहानियों के माध्यम से हमें पूनम सिंह की कहानी कला के जाग्रत् विवेक का पता चलता है। इन कहानियों में विविधता है, समय की सूक्ष्म पड़ताल है। ये कहानियाँ हमारी संवे़दना और यथार्थबोध को एक नया विस्तार देती हैं तथा स्त्री जीवन के ज्वलंत सवालों को रचनात्मक स्तर पर सामने रखती हुई स्त्री के वजूद को पुरुष सत्ता के विरोध में खड़ा करती हैं। यही सबसे बड़ी खूबी है और उन्हें एक विशिष्ट कथाकार बनाती है।

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Binding

Hardbound

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Language

Hindi

Pulisher

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Publishing Year

2023

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