Khed Nahin Hai

-13%

Khed Nahin Hai

Khed Nahin Hai

300.00 260.00

In stock

300.00 260.00

Author: Mridula Garg

Availability: 5 in stock

Pages: 184

Year: 2014

Binding: Hardbound

ISBN: 9789380146379

Language: Hindi

Publisher: Kitabghar Prakashan

Description

खेद नहीं है

मृदुला गर्ग की छवि पाठकों के बीच अब तक एक कथाकार की रही है। धीर-गंभीर पर ऐसा कथाकार, जिसके कथानकों में व्यंग्य की सूक्ष्म अंतर्धारा बहती है। इस पुस्तक में संकलित लेखों से गुज़रने के बाद यह धारणा पुष्ट होगी कि खाँटी व्यंग्य-लेखन की रसोक्ति पर भी उनकी पकड़ प्रभावी है। इनमें वे जिस पैनेपन से व्यवस्था में धँसे विद्रूप की काट-छाँट करती हैं उसी तर्ज़ पर पूरे खिलंदड़ेपन के साथ हमारे भीतर उपस्थित विसंगतियों को भी सामने ला खड़ा करती हैं।

दरअसल, ये सभी लेख पिछले कुछ वर्षों से ‘इंडिया टुडे’ पत्रिका में ‘कटाक्ष’ स्तंभ के अंतर्गत प्रकाशित हो रहे हैं, जिनके ज़रिए वे अपने आसपास पसरी विडंबनाओं की शिनाख़्त कर पाठकों के सामने पेश करती हैं, बिना किसी लाग-लपेट के। जब जहाँ जैसा ठीक लगा, उसे वहाँ वैसा ही बयान कर दिया। कोई बंदिश नहीं। न भाषा की, न शैली की और न ही विधा की। पर उनकी इसी अनुशासनहीनता से ये लेख विशिष्ट बन पड़े हैं। मज़े की बात यह भी कि इस बेतकल्लुफ़ी को लेकर उनके मन में ज़रा भी ‘खेद नहीं है’।

इन्हें पढ़ना इसलिए भी ज़रूरी है कि इस बहाने हमें खुद पर हँसने का मौक़ा मिलेगा और शायद सोचने का भी।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2014

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Khed Nahin Hai”

You've just added this product to the cart: