Kitna Bada Jhooth
Kitna Bada Jhooth
₹199.00 ₹149.00
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Author: Usha Priyamvada
Pages: 103
Year: 2023
Binding: Paperback
ISBN: 9788126715718
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Description
कितना बड़ा झूठ
पाँचवें दशक में हिन्दी के जिन कथाकारों ने पाठकों और समीक्षकों का ध्यान सबसे ज्यादा आकर्षित किया उनमें उषा प्रियम्वदा का नाम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। पिछले लगभग तीन दशकों से ये निरन्तर सृजनरत हैं और इस अवधि में इन्होंने जो कुछ लिखा है वह परिमाण में कम होते हुए भी विशिष्ट है, जिसका प्रमाण है कितना बड़ा झूठ की ये कहानियाँ।
प्रस्तुत संग्रह की अधिकांश कहानियाँ अमेरिकी अथवा यूरोपीय परिवेश में लिखी गई हैं और जिन कहानियों का परिवेश भारतीय है उनमें भी प्रमुख पात्र, जो प्रायः नारी है, का सम्बन्ध किसी-न-किसी रूप में यूरोप अथवा अमेरिका से रहता है। इस एक तथ्य के कारण ही इन कहानियों को, बहुचर्चित मुहावरे की भाषा में, भोगे हुए यथार्थ की संज्ञा भी दी जा सकती है और इसी तथ्य के कारण इन कहानियों में आधुनिकता का स्वर भी अधिक प्रबल है।
डॉ. इन्द्रनाथ मदान के शब्दों में : ‘उषा प्रियम्वदा की कहानी-कला से रूढ़ियों, मृत परम्पराओं, जड़ मान्यताओं पर मीठी-मीठी चोटों की ध्वनि निकलती है, घिरे हुए जीवन की उबासी एवं उदासी उभरती है, आत्मीयता और करुणा के स्वर फूटते हैं। सूक्ष्म व्यंग्य कहानीकार के बौद्धिक विकास और कलात्मक संयम का परिचय देता है, जो तटस्थ दृष्टि और गहन चिन्तन का परिणाम है।’ अपने पहले संग्रह ज़िन्दगी और गुलाब के फूल से लेकर अब तक विषय-वस्तु और शिल्प की दृष्टि से लेखिका ने विकास की जो मंज़िलें तय की हैं, उनका जीवन्त परिचय पाठकों को कितना बड़ा झूठ की कहानियों से मिलेगा।
अनुक्रम | |||||
सम्बन्ध | 9 | ||||
प्रतिध्वनियाँ | 20 | ||||
कितना बड़ा झूठ | 38 | ||||
ट्रिप | 45 | ||||
नींद | 53 | ||||
सुरंग | 58 | ||||
स्वीकृति | 66 | ||||
मछलियाँ | 79 |
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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