Kuch Moti Kuch Seep
Kuch Moti Kuch Seep
₹80.00 ₹79.00
₹80.00 ₹79.00
Author: Ayodhya Prasad Goyaliya
Pages: 128
Year: 2006
Binding: Hardbound
ISBN: 8126305460
Language: Hindi
Publisher: Bhartiya Jnanpith
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Description
कुछ मोती कुछ सीप
समकालीन हिन्दी लेखन के रंग और तेवर से बहुत अलग ‘कुछ मोती कुछ सीप’ उन दुर्लभ कृतियों में है, जिन्हें पाठकों की भरपूर सराहना मिली। इसमें प्रतिष्ठित साहित्यकार और उर्दू साहित्य के मर्मज्ञ अध्येता अयोध्याप्रसाद गोयलीय की तैंतालीस भावभीनी कहानियाँ संगृहीत हैं। सभी कहानियाँ एक से बढ़कर एक-अनुभव, ज्ञान और विवेक में रची-बसी; साथ ही मार्मिक, प्रेरक और सीख-भरी।
अत्यन्त सरल भाषा और मोहक शैली में लिखी गयी गोयलीय जी की इन कहानियों में जीवन और समाज की हँसती-बोलती ऐसी तस्वीरें हैं, जो खट्टी-मीठी सच्चाइयों से साक्षात्कार कराती हैं।… प्रस्तुत है ‘कुछ मोती कुछ सीप’ का नया संस्करण।
विषय क्रम
कृति
- ये मनुष्य नहीं हैं
- पशु-पक्षी-सम्मेलन
- हंस और बगला
- बदनाम अगर होंगे…..?
- विषाक्त संसार
- चाहत का परिणाम
- झूठी शान
- मेर-तेर के झगड़े
- अनधिकार चेष्टा
- औक़ात के बाहर
- एक समान
- घमण्ड कब तक ?
- अज्ञात शहीदों की याद में
- ताड़ और नारंगी का वृक्ष
- श्रृगालों का अधिकार
- म्युनिसिपल उम्मीदवार
- अहिंसा और कायरता
- कायरता का जनक
- व्यक्तित्व
स्मृति
- माँ की टेक
- भगतसिंह के दो संस्मरण
- स्व और पर
- मतलबी
- क़ैदी ब-नाम इन्सान
- मुँह न दिखाना
- हमारे भी हैं क़द्रदाँ कैसे-कैसे
श्रुति
- छोटे मियाँ सुब्हान अल्लाह
- परस्पर की फूट
- मौलवी को लड़कों ने सबक़ पढ़ाया
- जाके न फटी बिवाई
- न भूतो न भविष्यति
- आबरू बिगाड़ना-बनाना
- माँ के दर्शन
- जूते की बदौलत बादशाह
धृति
- कालकाचार्य
- महामेघवाहन खारवेल
- दीवानों की टेक
- शहीद बकरी
- मित्र का विश्वास
- ‘सौदा’ की सहृदयता
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Language | Hindi |
Publishing Year | 2006 |
Pulisher |
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