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Description
कुछ यादें कुछ बातें
इस पुस्तक में हिंदी के शीर्षस्थ कथाकार अमरकांत के संस्मरणों, आलेखों तथा साक्षात्कारों को संकलित किया गया है, जो अत्यंत दिलचस्प एवं महत्त्वपूर्ण हैं। इन रचनाओं में एक बड़े लेखक की परिवेश तथा सृजन-सम्बन्धी परिस्थितियों और संघर्ष कथा के साथ, उन अंग्रेजों एवं साथी लेखकों को आदर और आत्मीयता के साथ याद किया गया है, जिनसे उन्हें प्रेरणा, प्रोत्साहन और स्नेह मिला। यहाँ प्रगतिशील आन्दोलन तथा नई कहानी आन्दोलन की वे घटनाएँ, बहसें और विवादभी हैं, जिनसे कभी साहित्य जगत हिल गया था। परन्तु अमरकांत जी ने इन आन्दोलनों की विशेषताओं और उपलब्धियों के साथ, उनके अंतर्विरोधों तथा दुर्बलताओं का तर्क-सम्मत विश्लेषण भी प्रस्तुत किया है और परिवर्तित समय में कहानी तथा प्रगतिशील लेखन की नई भूमिका को भी रेखांकित किया है।
इन रचनाओं के बीच कहानी लेखन की ओर प्रेरित करने वाले अमरकांत जी के शिक्षक बाबू राजेश प्रसाद तथा डॉ. रामविलास शर्मा है। इनके साथ भैरवप्रसाद गुप्त, प्रकाशचंद्र गुप्त, शमशेर, मोहन राकेश, अमृत राय, रांगेय राघव, नामवर सिंह, राजेंद्र यादव, कमलेश्वर, शेखर जोशी आदि के अनूठे संस्मरण भी हैं। निश्चय ही प्रत्येक हिंदी लेखक तथा साहित्य-प्रेमी पाठक के लिए यह जानना जरूरी है कि साहित्य-इतिहास के इन प्रतिष्ठित रचनाकारों के समबन्ध में अमरकांत क्या सोचते हैं। मूल्यांकन की नई दृष्टि, हिंदी के कथा-परिदृश्य पर डाली गई रौशनी और जीवंत कथा-शैली के कारण यह संकलन जहाँ साहित्यिक कृति के रूप में उत्कृष्ट है, वहीं ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह मूल्यवान भी।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2020 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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