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Description
कुर्आन में हिन्दी
कुर्आन में हिन्दी की रचना जिस दृष्टि से हुई है वह स्पष्ट और प्रकट है, देश की जो दशा है वह भी किसी से छिपी नहीं है। धर्म की आढ़ में जो उपद्रव हो रहा है वह और भी घातक हो गया है। ऐसी स्थिति में धर्म के मूल ग्रन्थों में कितना मेल है और वस्तुतः एक धर्म दूसरे का कहाँ तक विरोधी है आदि प्रश्नों को जान लेना कितना आवश्यक है इसे भी कौन नहीं जानता। पर यदि हम नहीं जानते तो यही कि अरबी रसूल के उदय के समय हमारा उनका क्या नाता था। इसी नाता को खोलने का इस छोटी सी पुस्तक में अल्प प्रयत्न किया गया है जो अपर्याप्त होने पर भी मार्गनिर्देश के लिए पर्याप्त है।
– चन्द्रबली पांडे
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher |
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