Lalgarh Ki Maa

-25%

Lalgarh Ki Maa

Lalgarh Ki Maa

150.00 112.00

In stock

150.00 112.00

Author: Mahashweta Devi

Availability: 5 in stock

Pages: 52

Year: 2010

Binding: Hardbound

ISBN: 9789350004876

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

लालगढ़ की माँ

उपन्यास… फिर भी सच्ची कहानी वह महिला दरिद्रता-सीमा के नीचे आती थी, इसलिए वह ‘विमेन्स लिब’ का मतलब नहीं समझती थी। बेटा सरकारी दफ़्तर में नौकरी करता था, मुहल्ले के अन्य दस लड़कों की तरह, ग़ैर-ज़िम्मेदार नहीं था। इसके बावजूद वह यह समझती थी कि लड़कियों का स्कूल जाना ज़रूरी है, घर के कोने में पड़ी न रहकर, हाथ का कामकाज, सिलाई-पुराई, हस्तशिल्प सीखना ज़रूरी है। लेकिन, ‘लालगढ़’ शब्द सुनकर, उसके मन में विपन्न विस्मय छलक उठा था, जिसे सुनकर वह अपनी सुख-चैन की गृहस्थी छोड़कर, ख़ुद अपनी ही तलाश में, बाहर की दुनिया में निकल पड़ती है… ‘अरण्य का अधिकार’, ‘हजार चौरासीवें की माँ’, ‘चेट्रिट मुंडा’ की लेखिका, महाश्वेता देवी की कलम से एक और विस्फोट।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2010

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Lalgarh Ki Maa”

You've just added this product to the cart: